• मलेरिया कितने प्रकार का होता हैं।
• मलेरिया के लक्षण कौन-कौनसे हैं।
Health Tips: आज विश्व मलेरिया दिवस है। यह दिन हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। यह तो सभी जानते हैं कि मच्छरों के काटने से हम मलेरिया की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि आपको कौन से प्रकार का मलेरिया आपको हुआ है। तो आइए हम यहां आपकी समस्या का समाधान कर देते हैं और आपको बता देते हैं वो खास बात, जो यह कि मलेरिया एक नहीं पांच प्रकार के होते हैं।
आइए अब जानते हैं इसके प्रकार, लक्षण और उपचार के बारे में-
मलेरिया के प्रकार : symptoms of malaria
1. प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम- मच्छर काटने पर जब इस टाइप के मलेरिया बुखार की चपेट में आते हैं तो इंसान को लगातार उल्टियां होती रहती है। वह बेसुध हो जाता है। लगातार उल्टियां होने से इंसान को बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है। ऐसे में इंसान की जान भी जा सकती है। हालांकि इस तरह के मलेरिया से ग्रसित होने पर ठंड बहुत अधिक लगती है।
2. सोडियम विवैक्स- विवैक्स परजीवी नामक मच्छर दिन में काटता है। लेकिन इसका असर 48 घंटे बाद होता है। अधिकतम लोग इस बीमारी से पीडि़त होते हैं। इस मच्छर के काटने से बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है। इस तरह के मलेरिया से ग्रसित होने के बाद हाथ-पैर में दर्द, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, कमर दर्द आदि प्रभाव में रहते हैं।
3. प्लास्मोडियम मलेरिया- यह मलेरिया बेनाइन मलेरिया के लिए जिम्मेदार होता है। अन्य मलेरिया के मुकाबले यह बहुत अधिक खतरनाक नहीं है। हालांकि इसमें इंसान को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है। यूरिन के साथ प्रोटीन भी निकलता है। इस वजह से शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और सूजन आने लगती है। इस टाइप के मलेरिया क्वाटर्न मलेरिया उत्पन्न करता है।
4. प्लाज्मोडियम नॉलेसी- इस प्रकार के मलेरिया मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाएं जाते हैं। यह प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इनके काटने से इंसान को ठंड लगती है, बुखार आता है, सिरदर्द होता है साथ ही भूख नहीं लगने की समस्या पैदा हो जाती है।
5. प्लास्मोडियम ओवेल- यह एक परजीवी प्रोटोजोआ की प्रजाति का है। इसके काटने के बाद टरसियन मलेरिया होता है। यह मलेरिया प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम से अधिक खतरनाक नहीं होता है।
मलेरिया के लक्षण : symptoms of malaria
- बदन दर्द करना।
- ठंड लगकर बुखार आना।
- उल्टी होना।
- सिर दर्द होना।
- भूख नहीं लगना।
- कंपकंपी के साथ ठंड लगना।
मलेरिया से बचाव के उपाय : how to keep safe from malaria
- घर में अधिक मच्छर होने पर कंडे का धुआं करें उससे भी मच्छर भाग जाते हैं।
- थोड़ा भी बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
- कोशिश करें घर में मच्छर नहीं हो साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- घर बाहर खुली नालियों की सफाई करवाते रहे।
- कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहे।
- घर में कहीं भी नमी या पानी जमा नहीं हो।
- मलेरिया रोगी को सूखे और गर्म स्थान पर आराम करने दें।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।