साबूदाना मांसाहारी है? जानिए सच...

Webdunia
यूं तो साबूदाना या इसके व्यंजनों का उपयोग खास तौर से व्रत-उपवास में किया जाता है, लेकिन साबूदाना बनने की प्रक्रिया जानने के बाद आपके मन में भी यह सवाल जरूर उठेगा, कि क्या साबूदाना सच में फलाहारी है या फिर मांसाहारी? कहीं साबूदाना खाने से व्रत टूट तो नहीं जाता....इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए जरूर पढ़ें यह जानकारी...
यह भी पढ़ें : जानिए, साबूदाने के यह 10 फायदे

दरअसल सामान्य तौर पर तो साबूदाना पूरी तरह से वानस्पतिक है, क्योंकि यह सागो पाम नामक एक पौधे के तने व जड़ में पाए जाने वाले गूदे से बनाया जाता है। लेकिन निर्माण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा, कि साबूदाना मांसाहारी भी हो सकता है। जी हां, आप खुद ही जानिए।
 
यह भी पढ़ें : उपवास में चक्कर आते हैं ? 7 चीजें करेंगी आपकी मदद
 
खास तौर से तमिलनाडु में साबूदाना बनाने की कई बड़ी फैक्ट्र‍ियां है, जहां बड़े पैमाने पर सागो पाम की जड़ों को इकट्ठा कर, उसके गूदे से साबूदाना बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में गूदे को बड़े-बड़े गड्ढों में महीनों तक सड़ाया जाता है। सबसे खास बात यह है कि ये गड्ढे पूरी तरह से खुले होते हैं, जिसमें ऊपर लगी लाइट्स की वजह से न केवल कई कीड़े-मकोड़े गिरते हैं, बल्कि सड़ें हुए गूदे में भी सफेद रंग के सूक्ष्म जीव पैदा होते हैं।
 
यह भी पढ़ें : कटा हुआ नींबू रखें अपने पास, पाएं 5 सेहत लाभ
 
अब इस गूदे को, बगैर कीड़े-मकोड़े और सूक्ष्म जीवों का लिहाज किए, पैरों से मसला जाता है जिसमें सभी जीव भी पूरी तरह से मिल जाते हैं और मावे की तरह आटा तैयार होता है। अब इसे मशीनों की सहायता से साबूदाने अर्थात छोटे-छोटे दाने तैयार होने की प्रक्रिया से गुजारा जाता है और पॉलिश किया जाता है।
 
इस तरह आपके व्रत और उपवास में फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाने वाला साबूदाना, कीट-पतंगों समेत मांसाहारी हो चुका होता है और आप इस बात से पूरी तरह से अंजान होते हैं। तो क्या अब आप कह सकते हैं, कि साबूदाना फलाहारी है?


दरअसल सामान्य तौर पर तो साबूदाना पूरी तरह से वानस्पतिक है, क्योंकि यह सागो पाम नामक एक पौधे के तने व जड़ में पाए जाने वाले गूदे से बनाया जाता है। लेकिन निर्माण की प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा, कि साबूदाना मांसाहारी भी हो सकता है। जी हां, आप खुद ही जानिए।
 
उपवास में चक्कर आते हैं ? 7 चीजें करेंगी आपकी मदद
खास तौर से तमिलनाडु में साबूदाना बनाने की कई बड़ी फैक्ट्र‍ियां है, जहां बड़े पैमाने पर सागो पाम की जड़ों को इकट्ठा कर, उसके गूदे से साबूदाना बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में गूदे को बड़े-बड़े गड्ढों में महीनों तक सड़ाया जाता है। सबसे खास बात यह है कि ये गड्ढे पूरी तरह से खुले होते हैं, जिसमें ऊपर लगी लाइट्स की वजह से न केवल कई कीड़े-मकोड़े गिरते हैं, बल्कि सड़ें हुए गूदे में भी सफेद रंग के सूक्ष्म जीव पैदा होते हैं।
कटा हुआ नींबू रखें अपने पास, पाएं 5 सेहत लाभ
अब इस गूदे को, बगैर कीड़े-मकोड़े और सूक्ष्म जीवों का लिहाज किए, पैरों से मसला जाता है जिसमें सभी जीव भी पूरी तरह से मिल जाते हैं और मावे की तरह आटा तैयार होता है। अब इसे मशीनों की सहायता से साबूदाने अर्थात छोटे-छोटे दाने तैयार होने की प्रक्रिया से गुजारा जाता है और पॉलिश किया जाता है।
 
इस तरह आपके व्रत और उपवास में फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाने वाला साबूदाना, कीट-पतंगों समेत मांसाहारी हो चुका होता है और आप इस बात से पूरी तरह से अंजान होते हैं। तो क्या अब आप कह सकते हैं, कि साबूदाना फलाहारी है?

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सर्दियों में रूखी त्वचा को कहें गुडबाय, घर पर इस तरह करें प्राकृतिक स्किनकेयर रूटीन को फॉलो

इस DIY विटामिन C सीरम से दूर होंगे पिगमेंटेशन और धब्बे, जानें बनाने का आसान तरीका

फटाफट वजन घटाने के ये 5 सीक्रेट्स जान लीजिए, तेजी से करते हैं असर

Indian Diet Plan : वजन घटाने के लिए इस साप्ताहिक डाइट प्लान को फॉलो करते ही हफ्ते भर में दिखेगा फर्क

Essay on Jawaharlal Nehru : पंडित जवाहरलाल नेहरू पर 600 शब्दों में हिन्दी निबंध

सभी देखें

नवीनतम

Winters : रूखी त्वचा से बचना चाहते हैं तो ये आसान घरेलू उपाय तुरंत ट्राई करें

क्या शिशु को रोजाना नहलाना सही है? जानें रोज नहाने से शिशु की हेल्थ पर क्या पड़ता है असर

आंख के नीचे चींटी का काटना क्यों बन सकता है गंभीर समस्या? जानें ये जरूरी सावधानियां

प्रेग्नेंसी में जंक फूड खाना हो सकता है जोखिम भरा, जानिए हेल्दी स्नैकिंग के 7 आसान टिप्स

अगला लेख
More