हरी मटर के क्या हैं benefits? Pea Protein कैसे बनता है? नकली मटर की कैसे करें पहचान?

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ठंड के दिनों में शौकीन लोग हर चीज में मटर मिलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस मटर को आप इतना चाहते हैं उससे आपको फायदे क्या मिल रहे हैं? आजकल Pea Protein बड़ा चर्चा में है, जानिए कैसे बनता है और साथ में जानिए नकली मटर की कैसे करें पहचान? 
 
सबसे पहले फायदे जान लेते हैं 
 
मटर खाने का सबसे बड़ा फायदा है कि यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है और आपको मोटापे के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों से बचाता है। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
 
 चूंकि यह शरीर में और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, इसलिए इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है। प्रतिदिन हरी मटर का सेवन करना आपके दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
 
आकार में भले ही मटर छोटा हो लेकिन यह कैंसर जैसी बीमारियों से भी आपको छुटकारा दिला सकता है। इसे नियमित खाने से कैंसर की बीमारी का खतरा कम होता है। खासतौर से पेट के कैंसर में मटर बहुत लाभकारी है।
 
मटर के दाने फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपको उर्जावान बनाए रखते हैं। हरी मटर को नियमित खाने से आप लंबे समय तक जवां नजर आते हैं और बढ़ती उम्र का असर जल्दी दिखाई नहीं देता।
 
 गर्भवती महिलाओं के लिए हरी मटर काफी फायदेमंद है। यह गर्भवती महिला के साथ-साथ भ्रूण को भी पर्याप्त पोषण देती है। इसके अलावा सामान्य महिलाओं में  माहवारी की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मटर सहायक होती है।
हरी मटर में प्रोटीन के साथ ही विटामिन-के की मात्रा भरपूर होती है, जो हड्ड‍ियों की बीमारियों और खासतौर से ऑस्ट‍ियोपोरोसिस से बचाव करने में सहायक होती है।
 
अगर आप चेहरे पर झाइयों से परेशान हैं, तो मटर के पेस्ट को चेहरे पर लगाकर आधे घंटे के बाद धो लें। प्रतिदिन इस प्रयोग को करें। अन्य दिनों में मटर के आटे का प्रयोग भी कर सकते हैं। 
 
मटर के दानों का दरदरा पेस्ट त्वचा के लिए बेहतरीन स्क्रब है। इससे आपकी त्वचा को पोषण मिलेगा और चेहरा बेदाग होगा। धीरे-धीरे चेहरे की चमक बढ़ जाएगी।
 
यदि आपको लगता है कि आप रोजाना की छोटी-छोटी चीजें याद नहीं रख पाते, तो हरी मटर का नियमित सेवन कीजिए। यह आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करेगी।
 
शरीर के किसी भी स्थान पर जल जाने की स्थि‍ति में मटर के दानों का महीन लेप लगाने से आराम होता है। यह जले हुए स्थान पर ठंडक प्रदान करने के साथ  घाव को बढ़ने नहीं देगा।
Pea Protein : मटर का प्रोटीन कैसे बनता है,क्या हैं फायदे
 
इन दिनों पी-प्रोटीन (Pea- protein) यानी मटर प्रोटीन काफी चर्चा में है। आइए जानते हैं पी प्रोटीन के बारे में - 
 
विशेषज्ञों के अनुसार पी प्रोटीन पाउडर पीले मटर से निकालकर बनाया जाता है। अन्य प्रोटीन की तरह इसका भी सेवन स्‍मूदी या शेक बनाने में किया जा सकता है। साथ ही आप इसे ड्रिंक्स  में भी शामिल कर सकते हैं। यह एक शाकाहारी प्रोटीन है और आसानी से पच जाता है। साथ ही शरीर में इसका अवशोषण भी आसानी से हो जाता है। पी प्रोटीन हाई क्‍वालिटी प्रोटीन है। 
 
पी प्रोटीन (मटर प्रोटीन) बनाने की सामग्री -
 
- दो कप सूखे पीले मटर।
- एक जार में पानी रख लें। पानी की जरूरत अधिक रहती है।
- कागजी तैलिए।
- एक बड़ा कांच का बाउल।
- एक बेकिंग शीट।
- मिक्‍सर।
 
पी प्रोटीन बनाने की विधि -
 
- सबसे पहले सूखे पीले मटर को अच्‍छे से धो लें।
- इसके बाद उन्हें कांच के बड़े बाउल में रात भर के लिए भिगोकर रख दें।
- उन्‍हें अंकुरित होने के बाद ही निकालें।
- इसके बाद मटर को अच्छे से सुखा लें इन्हें माइक्रोवेव में करना सुखाना है। अगर माइक्रोवेव नहीं है तो आप  ओवन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें इस तरह से सुखाना है कि यह बाद में कुरकुरे हो जाएं।  
- इसके बाद इसे मिक्सर में पीस लें। आपका पी प्रोटीन तैयार है।
पी प्रोटीन के फायदे -
 
पी प्रोटीन पाउडर में आयरन होता है। महिलाएं इसका सेवन कर सकती है और करना भी चाहिए। इससे खून की कमी दूर होती है।
 
अगर आप भी जिम जाते हैं तो यह आपके लिए परफेक्ट प्रोटीन पाउडर है। इससे मांसपेशियों का निर्माण होता है। पचाने में भी आसान होता है।
 
इसका सेवन करने से लंबे वक्‍त तक भूख नहीं लगती है। आपका पेट भरा हुआ रहता है। अतिरिक्त वजन और फैट भी नहीं बढ़ता है।
 
मटर में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं। प्री प्रोटीन का सेवन करने वालों की इम्युनिटी अच्छी रहती है। यह सर्दी-जोखिम के संक्रमण से भी बचाता है।
 
यह लैक्‍टोज और ग्‍लूटेन फ्री होता है। यह पचाने में भी आसान होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अच्‍छी होती है। जब बॉडी में फाइबर की कमी होती है तो पेट खराब होने लगता है। फाइबर होने से पेट का पाचन अच्‍छा रहता है।
मिलावटी मटर की कैसे करें पहचान? 
 
मिलावट चेक करने की विधि - 
 
- सबसे पहले कांच के गिलास में मटर के दाने डालें। 
- इसमें पानी भरकर 30 मिनट तक के लिए रख दें। 
- पानी का रंग नहीं बदलने पर मटर मिलावट नहीं है।
- और अगर पानी का रंग हरा पड़ने लगता है तो वह मटर मिलावटी है। 

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