कोविड-19 के केस भारत में तो कम गए है लेकिन अन्य देशों में कुछ जगहों पर लॉकडाउन की नौबत है। इस बीच कोविड के चौथी लहरों की आशंका जताई जा रही है। डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बने डेल्टाक्रॉन वायरस से अलर्ट रहने की जरूरत है। वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ने संभावित चीजों पर चर्चा की। जिसमें कहा गया कि सबसे बुरा यह हो सकता है कि इसका और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट आ जाए।
सीवियरटी कम हो जाए - कोविड को लेकर हर प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसका खौफनाक मंजर देखा उनके मन में कई तरह के सवाल हैं । कई वैज्ञानिकों के मुताबिक साल 2022 में कोविड के मामलों में राहत मिलेगी। WHO के मुताबिक भी यही संभावना है कि आगे चलकर लोगों में पैदा हुई इम्युनिटी की वजह से बीमारी की सीवियरटी कम हो जाए।
UN Health एजेंसी के मुताबिक ओमिक्रॉन का खतरनाक वैरिएंट हमारे बीच ही है।
कोविड के तीसरे साल में 3 क्या संभावनाएं और आशंकाएं हो सकती है इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। टेड्रोस ने कहा कि, अब तक हमे जो पता है जिसमें अधिक से अधिक ये हो सकता है कि वायरस रूप बदलता रहे लेकिन वैक्सीन और इंफेक्शन के द्वारा मिली इम्युनिटी से बीमारी का खतरा कम हो जाएगा।
नई वैक्सीन की जरूरत!
अगर इम्युनिटी कम होती है तो केस बढ़ सकते हैं और इससे मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। कमजोर लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन सबसे अच्छा ये हो सकता है कि अब इसके खतरनाक वैरिएंट आएं और बूस्टर या नई तरह की वैक्सीन की जरूरत न पड़े।
अधिक से अधिक ये बुरा हो सकता है
सबसे खराब ये हो सकता है कि एक ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट आ जाए। मरीजों और अन्य लोगों की इम्युनिटी घट जाए टेड्रोस ने कहा कि ऐसी स्थिति में इस समय मौजूद वैक्सीन में बदलाव करने पड़ेंगे। इसके साथ यह भी देखना होगा कि किस पर नए वायरस का अटैक ज्यादा है
सबसे खराब ये हो सकता है कि एक ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला वैरियंट आ आ जाए। इस नए वेरिएंट से लड़ने के लिए लोगों की वैक्सीन से और बीमारी से मिली इम्यूनिटी घट जाए। टेड्रोस ने कहा कि ऐसे स्थिति में इस समय मौजूद वैक्सीन में बदलाव करने पड़ेंगे और यह सुनिश्चित करना पड़ेगा और जो लोग रिस्क में हैं उन तक पहुंचाई जाएं।
वायरस का आतंक कम नहीं हुआ
WHO की टेक्निकल हेड मारिया वान करखोव के मुताबिक तीसरे साल में भी वायरस में काफी ऊर्जा है। अभी कोविड के केस और उससे हो रही मौतें बड़ी संख्या में दर्ज की जा रही है।
कोविड के केस जरूर कम हो गए लेकिन यह पूरी तरह से नहीं खत्म हुआ है। डॉ. रवि दोसी, कोविड स्पेशलिस्ट से चर्चा -
बीए.2 वैरिएंट भारत में दस्तक दे चुका है ऐसे में चौथी लहर आ सकती है?
माइनर वैरिएशन ओमिक्रॉन के स्ट्रेन में आते हैं तो उससे छोटी लहरे तो आएगी ही अब। इम्युनिटी अच्छी होने पर अब इतने बड़े स्तर पर पहले जैसी कोई कोविड लहर नहीं आएगी।
कोविड बचाव के लिए क्या करें?
उन्हीं सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है अनावश्यक बाहर नहीं जाना है, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, मास्क पहनकर रखें और लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द डॉ से संपर्क करें।
सभी प्रतिबंध अब सरकार की तरफ से हटा दिए गए है लेकिन कोविड पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है?
दरअसल, सरकार ने हमें काफी सूचित कर दिया है क्या-क्या सावधानियां व्यक्ति को अपने घर में, जीवन में और समाज में रखना है। अब इन चीजों को समझते हुए व्यक्ति को यह चीजें अपनी हैबिट में लाना चाहिए।
चौथी लहर किन अंगों को प्रभावित कर सकती है?
लंग्स के अंदर जो नलिया नाक से हवा पहुंचती है मुख्य रूप से यह उन्हें प्रभावित करती है। अपर रेस्टपटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन यानी नाक, गला, हवा के नलियों में सूजन होने से समस्या हो सकती है।