वैसे तो चाय सेहत के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं मानी जाती है, क्योंकि इसमें कैफीन की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स भी चाय से परहेज या सीमित मात्रा में सेवन की सलाह देते हैं। लेकिन चाय के बगैर किसी का काम नहीं चलता।
यहां ज्यादातर लोग चाय के शौकिन हैं और यह आदम छोड़ना मुश्किल है। यह जानते हुए कि चाय सेहत के लिए अच्छी नहीं है।
लेकिन साधारण चाय की जगह अब आयुर्वेदिक चाय का विकल्प मौजूद है। इसे काढ़ा या हर्बल टी भी कहा जाता है। यह नॉर्मल चाय से बिल्कुल अलग होती हैं और आर्युवेद में इसका इस्तेमाल व्यक्ति को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद में चाय शब्द का इस्तेमाल नहीं होता है, इसे काढ़ा कहा जाता है। आप इसे हर्बल टी कह सकते हैं, इसमें कैफीन बिल्कुल नहीं होता और इसे जड़ी-बूटियों और देसी मसालों के इस्तेमाल से बनाया जाता है। ये हर्बल टी शरीर के दोषों को बैलेंस करता है। यह वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करके शरीर का संतुलन और तारतम्य बनाए रखता है।
क्या है आयुर्वेदिक चाय के फायदे
आयुर्वेदिक चाय के बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स है, यह वजन घटाने में मदद करने के साथ ही, अपच, स्किन को निखारने और शरीर को डिटॉक्टस करके जीवन की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है।
आयुर्वेद में शरीर से हानिकराक टॉक्सिन निकालने पर बहुत जोर दिया जाता है। कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ ऐसे हैं, जो शरीर की अशुद्धियों को दूर करते हैं और आयुर्वेदिक चाय उन्हीं में से एक है। इसमें अलग-अलग पौधों के कुछ हिस्सों के साथ ही कुछ मसाले मिक्स किए जाए हैं, जो अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र भी ठीक रखती है।
इतना ही नहीं, पाचन ठीक रहने से मेटाबॉलिज्म भी दुरस्त रहता है और आप जल्दी वजन कम कर पाते हैं। यही वजह है कि जो लोग वजन कम करना चाहते हैं वह सामान्य चाय की बजाय हर्बल टी का सेवन करते हैं। अदरक, लौंग और मुलेठी से तैयार की गई आयुर्वेदिक चाय वजन घटाने में मदद करती है। लेमनग्रास, तुलसी, स्टारफूल आदि चीजें वजन घटाने में मददगार मानी जाती हैं।
कैसे बनाएं?
उबलते पानी में एक चौथाई चम्मच भुना हुआ सौंफ, जीरा और धनिया डालकर धीमी आंच पर 10 मिनट तक उबलने दें। इसे छान लें और थोड़ा सा शहद मिलाकर पियें।