20 सितम्बर, 1911 आगरा जिले के आंवलखेड़ा गांव में जन्म हुआ। उनके पिता का नाम श्री पं.रूपकिशोर शर्मा था। अखण्ड ज्योति नामक पत्रिका का पहला अंक 1938 की वसंत पंचमी पर प्रकाशित किया गया। अस्सी वर्ष की उम्र में उन्होंने शांतिकुंज में ही देह छोड़ दी। उनकी पत्नी भगवती देवी शर्मा ने उसने कार्य में बराबरी से साथ दिया। शांतिकुंज, ब्रह्मवर्चस, गायत्री तपोभूमि, अखण्ड ज्योति संस्थान एवं युगतीर्थ आंवलखेड़ा जैसी अनेक संस्थाओं द्वारा युग निर्माण योजना का कार्य आज भी जारी है। 2 जून सन 1090 को उनका शांतिकुंज में निधन हो गया।