- हरीश चौकसी
गुजरात में शंकरसिंह वाघेला यानी गुजराती बापू ऐसे नेता हैं जिनके पास भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का अनुभव है। भाजपा में रहते हुए वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस ने उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया। गुजरात चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस से बाहर होने के बाद जन विकल्प के नाम से नई पार्टी का गठन किया था और सभी 182 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी।
हालांकि वाघेला के जन विकल्प को भाजपा की बी टीम कहा जा रहा है क्योंकि इसके गठन से भाजपा को ही फायदा होने जा रहा है। बताया जाता है कि इसीलिए भाजपा ने बापू को अच्छी खासी आर्थिक मदद की थी। अब जब हार्दिक पटेल और राहुल गांधी की सभाओं में भीड़ उमड़ रही है और शंकरसिंह वाघेला चुनावी सभाएं कमजोर दिखाई दे रही हैं तो भाजपा ने हाथ खींच लिए हैं।
मेरा न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब शंकरसिंह को पार्टी चलाने के लिए भाजपा की ओर से फंड मिलना बंद हो गया है। इसे वाघेला के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अब यह देखना रोचक होगा कि गुजरात की सभी 182 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े करने की घोषणा करने वाले बापू कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारते हैं।