अब यह माना जाने लगा है कि अगर विद्या किसी फिल्म में हैं तब वह फिल्म जरूर हटकर ही होगी। विद्या की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल के सारे अवॉडर्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भले किसी को भी मिला हो लेकिन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार सिर्फ विद्या बालन को ही दिया गया। उन्हें ये सारे पुरस्कार फिल्म द डर्टी पिक्चर में उनके शानदार अभिनय के लिए दिए गए हैं। इन अवॉडर्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी शामिल है।
उनके फिल्मी सफर में उनका लगभग हर किरदार काबिल-ए-तारीफ रहा है, चाहे वह परिणीता में निभाया गया सीधी-साधी बंगाली लड़की का किरदार हो या फिर द डर्टी पिक्चर में निभाया गया सिल्क स्मिता का बोल्ड किरदार। हर किरदार में उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश किया है। जिस कारण उनके मुरीदों की संख्या में जोरदार इजाफा हुआ है। लोगों ने तो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की लेडी खान कह डाला है और उन्हें यह सलाह दी है कि वे भी अपने नाम के आगे अब खान लगाने लग जाएं।
अभिनय में माहिर विद्या का जन्म 1 जनवरी 1978 को केरल के पालक्कड़ जिले के ओत्तापलम में हुआ। उनके पिता पी आर बालन ईटीसी चैनल के वाइस प्रेसिडेंट हैं। उनकी मां का नाम सरस्वती बालन है। जब विद्या बहुत छोटी थी तभी उनका परिवार मुंबई आ गया था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एंथोनी कॉनवेंट स्कूल से की और इसके बाद सेंट जेवियर कॉलेज से सोशियोलॉजी में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से एम ए करने के लिए दाखिला लिया और इसी दौरान उन्हें अपनी पहली फिल्म चकरम् (मलयालम) का ऑफर मिला, लेकिन इस फिल्म के बाद विद्या के फिल्मी करियर ने जोर नहीं पकड़ा और विद्या ने एड फिल्मों की ओर रुख किया।
बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत करने से पहले विद्या ने कई एड फिल्मों, म्यूजिक वीडियो और टीवी सीरियल्स में काम किया है। विद्या ने यूफोरिया, पंकज उदास और सुभा मुदगल के म्यूजिक एल्बम के वीडियो और हंसते-खेलते व एकता कपूर के हम पांच सीरियल्स में काम किया है।
साल 2003 में विद्या को एक बंगाली फिल्म भालो थेको में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। 2006 में रिलीज हुई उनकी इस फिल्म में विद्या के काम को काफी सराहा गया, और इसी साल विद्या को विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म परिणीता में मुख्य किरदार निभाने के लिए प्रस्ताव दिया गया।
विद्या काफी समय तक एक स्ट्रगलर रही हैं और बॉलीवुड में उन्हें एंट्री लेने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि स्टार फेमिली या ब्यूटी विनर जैसा कोई भी तमगा उनके पास नहीं था। परिणीता के रोल के लिए कुल मिलाकर 67 बार उन्हें मेकअप शॉट और स्क्रीन टेस्ट से गुजरना पड़ा तब कहीं जाकर उन्हें यह रोल मिला।
फिल्म परिणीता विद्या के करियर में मील का पत्थर साबित हुई, जिसमें उनके किरदार को दर्शकों के साथ-साथ आलोचकों द्वारा भी सराहा गया और विद्या लोगों की नजर में आईं। परिणीता में अपने किरदार के लिए विद्या को फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ उभरते कलाकार के अवॉर्ड से नवाजा गया।
विद्या की कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो हर फिल्म में उनके द्वारा निभाए गए किरदार को प्रशंसा ही मिली है। चाहे फिल्म गुरु में निभाया गया उनका छोटा सा ही रोल क्यों न हो। विद्या की हर फिल्म में उनके अभिनय का एक नया रूप दर्शकों के सामने आया है। उनका कोई भी किरदार एक जैसा नहीं है। उनके सारे किरदारों में विविधता दिखाई देती है, जो इस बात का सबूत हैं कि विद्या सोच-समझकर ही अपने रोल का चयन करती हैं।
फिल्म परिणीता, गुरु, पा, भूल भूलैया, इश्किया, नो वन किल्ड जेसिका, द डर्टी पिक्चर और कहानी में उनके अभिनय ने लोगों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। विद्या की सबसे खास बात यह है कि वे किसी बात की टेंशन नहीं लेती, हर काम को उत्साह पूर्वक करती हैं। फिल्मों में आने से पहले स्ट्रगलिंग पीरियड में उन्हें यह तक कहा जा चुका था कि वे अच्छी नहीं दिखतीं, लेकिन इस बात से विचलित हुए बिना उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा, और आज उनका विश्वास और मेहनत ही उन्हें इस मुकाम तक ले आई हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार ने उन्हें उनकी पसंदीदा अभिनेत्रियों रेखा, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल के समकक्ष खड़ा कर दिया है। शबाना आजमी को तो विद्या में अपनी झलक दिखाई देती है। अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से विद्या ने आज अपना एक अलग मुकाम बनाया है और उनकी चर्चा आज यूथ आइकॉन के रूप में होती है।