गांधी ने भाजपा में शीर्ष स्तर के अंदरूनी सत्ता संघर्ष की ओर इशारा करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि मोदी को अब जसवंत सिंह, सुषमा स्वराज, यशवंत सिन्हा और लालकृष्ण आडवाणी की जरूरत नहीं है क्योंकि अब एक तरफ वह है और दूसरी ओर अडानी है। दोनों की पार्टनरशिप है बाकी सबको किनारे कर दिया गया है।
उन्होंने भाजपा नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया कि जब तक वे दिन भर में पांच-छह झूठ नहीं बोल लेते उन्हें नींद ही नहीं आती। गुजरात सरकार ने शिक्षा का भी व्यवसायीकरण कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस फिर सत्ता में आएगी तो सभी शहरी और ग्रामीण गरीबों को आवास तथा बुजुर्गों के लिए पेंशन याजना लागू करेगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राज्य की जनता महिलाओं, युवाओं और अप्रवासियों के वर्षों के योगदान को दरकिनार कर केवल खुद को विकास का श्रेय देने वाले मोदी ने गरीब किसानों की 45 हजार एकड़ जमीन अडानी को एक रुपए की दर से दे दी।
गांधी ने कहा कि जिन किसानों की जमीन अडानी को दी गई है वे आज भी यूपीए की मनरेगा योजना के तहत मजदूरी कर रहे हैं। मोदी ने केवल एक व्यक्ति को 40 हजार करोड़ रुपए का गिफ्ट पकड़ा दिया जो राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कुल बजट 10 हजार करोड़ रुपए से चार गुणा है। केंद्र सरकार भी मनरेगा के लिए मात्र 30 हजार करोड़ रुपए देती है। इससे अधिक पैसा मोदी जी ने अडानी को दे दिया। दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने किसानों को कर्ज माफी के रूप में 70 हजार करोड़ और मजदूरों को मनरेगा के रूप में 30 हजार करोड़ यानी कुल एक लाख करोड़ का तोहफा दिया है।
ज्ञातव्य है कि गौतम अडानी के स्वामित्व वाला अडानी समूह गुजरात तथा अन्य स्थानों पर बिजली गैस समेत ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय है। मोदी सरकार ने इसे राज्य केइ मुंद्रा में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के संचालन का भी अधिकार दे दिया है। (वार्ता)