क्या आप जानते हैं श्रीगणेश पर दूर्वा चढ़ाने की सरल विधि

डॉ. रामकृष्ण डी. तिवारी
सांसारिक कामनाएं इस संसार में आए प्रत्येक व्यक्ति को होती हैं। कई कामनाओं का संबंध मूल आवश्यकता से होता है। इसी इच्छापूर्ति की प्राप्ति के लिए व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास करता है। लेकिन भौतिक प्रयत्न से भी फल नहीं मिलने पर आशा ईश्वरीय चमत्कार की ओर जाती है।
 
जिसकी प्राप्ति तभी संभव होती है जब आपेक्षक सविधि कोई अनुष्ठान करता है। इसमें गणेशजी की साधना शीघ्र फलदायी है। इनके अनेक प्रयोग में उनको प्रिय दूर्वा के चढ़ाने की पूजा शीघ्र फलदायी और सरलतम है।
इसे किसी भी शुभ दिन प्रारंभ करना चाहिए। इसे गणेशजी की प्रतिष्ठित प्रतिमा पर करें। इक्कीस दूर्वा लेकर उनके नाम मंत्र द्वारा गणेशजी को गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पण करके एक-एक नाम पर दो-दो दूर्वा चढ़ाना चाहिए। 
 
यह क्रम प्रतिदिन जारी रखने एवं नियमित समय पर करने से जो आप चाहते हैं उसकी प्रार्थना गणेशजी से करते रहने पर वह शीघ्र पूर्ण हो जाती है। इस प्रयोग के अतिरिक्त विघ्ननायक पर श्रद्धा व विश्वास रखना चाहिए। 
 
अगले पेज पर जानिए : दूर्वा चढ़ाते समय कौन से नाम-मंत्र जपें 

ॐ गणाधिपाय नमः
ॐ उमापुत्राय नमः
ॐ विघ्ननाशनाय नमः

ॐ विनायकाय नमः
ॐ ईशपुत्राय नमः
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ॐ एकदन्ताय नमः
ॐ इभवक्त्राय नमः
ॐ मूषकवाहनाय नमः
ॐ कुमारगुरवे नमः
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