गणेश चतुर्थी 2022 : 31 अगस्त को होगी श्री गणेश स्थापना, जानिए ग्रह और नक्षत्र के शुभ संयोग

Webdunia
शनिवार, 27 अगस्त 2022 (15:27 IST)
Ganesh chaturthi shubh muhurat 2022: 31 अगस्त 2022 बुधवार के दिन से गणेश उत्सव प्रारंभ हो रहे हैं। इस दिन भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी गणेश चतुर्थी रहेगी। शुभ मुर्हू और शुभ संयोग में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना के साथ ही गणेश पूजा होगी। आओ जानते हैं इस दिन कौनसे शुभ मुहूर्त और ग्रह नक्षत्रों के शुभ संयोग रहेंगे।
 
गणेश स्थापना एवं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- pooja ganesh sthapana ka shubh muhurat : चतुर्थी तिथि दोपहर 03:22 तक उसके बाद पंचमी।
 
1. शुभ मुहूर्त : सुबह 11:04:43 से दोपहर 13:37:56 तक। इसके बाद शाम को 05:42 से 07:20 तक रहेगा।
 
2. विजय मुहूर्त : दोपहर 02:05 से 02:55 तक।
 
3. गोधूलि मुहूर्त : शाम को 06:06 से 06:30 तक।
 
4. अमृत काल मुहूर्त : शाम को 05:42 से 07:20 तक।
दिन का श्रेष्ठ चौघड़िया:
लाभ : प्रात: 06:12 से 07:46 तक।
अमृत : प्रात: 07:46 से 09:19 तक।
शुभ : सुबह 10:53 से 12:27 तक।
लाभ शाम को 05:08 से 06:41 तक।
 
शुभ योग संयोग :
1. रवि योग : प्रात: 05:38 से रात्रि 12:12 तक रवि योग। इस दिन शुक्ल योग भी रहेगा।
 
2. नक्षत्र : नक्षत्र चित्रा के उपरांत स्वाति।
 
3. ग्रह : सूर्य सिंह में, गुरु मीन में, शनि मकर में और बुध कन्या में। ये चारों की ग्रह अपनी स्वयं की राशि में रहेंगे। बाकी मंगल वृषभ और शुक्र कर्क में रहेगा। राहु मेष तो केतु तुला में रहेगा। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह के दिन आजमा सकते हैं ये 12 अचूक उपाय

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

कार्तिक शुक्ल दशमी तिथि को श्रीकृष्ण ने किया था कंस का वध

अगला लेख
More