मोरी गलियन लला तुम आइयो
होली खेलन, लला तुम आइयो॥
ऐसी रंग रंगीली होली
कबहुं ने खेली हुइए तुमने॥
भांग घोटी है हम औरन ने
भंग को रंग जमाओ होरी में
ऐसो पक्को रंग है घोरे
तुमखों हम सबरो रंग देहैं॥
घूमत फिर हो बिजूका जैसे
पुते रंग में कोऊ न चीन्हें
घर में कोऊ घुसन न देहें
बागत फिर हो मारे-मारे॥
सांची कह दऊं लला तुमसे
गोंथरी कर लो घरे हमारे
बड़े लाल सें तुमको राखें
तुम हो रंग रसिया रंगीले॥
दूध, जलेबी, बर्फी, लड़ुआ
माल पुआ, रबड़ी और हलुआ
तुमाए कहे के पेड़ा भांग के
जो चाहो सो हाजिर कर देहैं॥
होली की गम्मत में आओ
पचरंगी, अबीर, गुलाल उड़ाओ
मोरे अंगना रस रंग बरसाओ
मोरे लला अब तुम ने तरसाओ
मोरी गलियन लला तुम आइयो।
होरी खेलन लला तुम आइयो॥