दद्दू का दरबार : नोबेल शांति पुरस्कार

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दूजी, पाकिस्तान की अवाम अपने प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार पाने की इच्छुक है। वह भी महज इसलिए कि उन्होंने भारत के पुलवामा में आतंकवादी हमले तथा भारतीय वायुसेना के जवाबी एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति से निपटने के लिए बातचीत की पेशकश की है, साथ ही उन्होंने पाकिस्तान में हाल ही गिरफ्तार किए गए भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन को बिना शर्त रिहा कर दिया। क्या उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाना एक सही कदम होगा?
 
उत्तर : जी नहीं, अकेले उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना एक निहायत ही गलत कदम होगा। दरअसल, भारत के नवजोत सिंह सिद्धूजी ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगाया है कि सरकार कड़े कदम उठाने के बजाए आतंकवादियों तथा उनके सरपरस्त पाकिस्तान के प्रति नरमी से काम ले और उनके दोस्त इमरान साहब के साथ बैठकर बातचीत से मसला हल करे। अत: उचित यह होगा कि शांति का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से पाक के इमरान खान तथा भारत के नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदान किया जाए।
 

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