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किसान आंदोलन व कड़ी सुरक्षा से यातायात प्रभावित, मार्गों को किया परिवर्तित

हमें फॉलो करें किसान आंदोलन व कड़ी सुरक्षा से यातायात प्रभावित, मार्गों को किया परिवर्तित
, बुधवार, 2 दिसंबर 2020 (15:29 IST)
नई दिल्ली। गाजीपुर में दिल्ली-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को किसानों के बढ़ते प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। हजारों किसानों के राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने के प्रमुख मार्गों पर लगातार 7 दिनों से डटे होने के कारण बुधवार को भी यातायात धीमा रहा और लोगों को खासकर ऑफिस जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
 
सिंघु और टिकरी हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर को पुलिस ने यातायात के लिए अब भी बंद कर रखा है, वहीं शहर के उत्तरप्रदेश से लगने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज हो गया है। दिल्ली-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर हो रहे प्रदर्शन के कारण राज्य को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग बंद है।
यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि गौतम बुद्ध नगर के पास किसानों के प्रदर्शन के कारण 'नोएडा लिंक रोड' पर चिल्ला बॉर्डर बंद है। लोगों से नोएडा जाने के लिए 'नोएडा लिंक रोड' की बजाय एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी को गुडगांव और झज्जर-बहादुरगढ़ से जोड़ने वाले 2 अन्य बॉर्डर भी एहतियाती तौर पर बंद कर दिए गए हैं।
 
यातायात पुलिस ने टिकरी, झाड़ौदा और झटीकरा बॉर्डर को भी हर तरह के यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। बडूसराय बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों के लिए खुला है। उसने कहा कि हरियाणा के लिए ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। यातायात को अन्य मार्गों पर परिवर्तित करने की वजह से जाम लग गया है। इस बीच किसानों के प्रदर्शन के जारी होने के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर भारी बल की तैनाती रही और कांक्रीट के अवरोधक अब भी वहां हैं।

पुलिस के अनुसार किसानों के 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन मार्च के मद्देनजर एहतियाती तौर पर दिल्ली के सीमा बिंदुओं पर वाहनों की तालाशी बढ़ा दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'यूपी गेट' के पास गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के अलावा सीमेंट के अवरोधक और कई स्तर पर अवरोधक लगाए गए हैं, जहां शनिवार से कई किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
उल्लेखनीय है कि नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंगलवार को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई उनकी लंबी बैठक बेनतीजा रही थी और अब दूसरी बैठक गुरुवार को होगी। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर करीब 1 सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। (भाषा)

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