मुंबई। शिवसेना ने बुधवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर ध्वज लगाने की घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा जिससे तिरंगे के अपमान की बात सामने आती हो। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया कि जो घटना हुई ही नहीं, उस पर बवाल मचाना भी तिरंगे का अपमान ही है।
संपादकीय में यह बात उस वक्त कही गई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के अपमान से देश दुखी है। इसमें कहा गया कि घटना की जो वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है, उसमें ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा जिससे लाल किले पर शान से फहरा रहे तिरंगे के अपमान की बात सामने आती हो।
संपादकीय में कहा गया कि राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान देश का सम्मान है। इसमें कहा गया कि किसानों के एक समूह के 26 जनवरी को लाल किले में घुसने पर राजनीतिक तूफान खड़ा किया जा रहा है। संपादकीय के अनुसार प्रश्न यह है कि प्रधानमंत्री को उस बात के लिए दुखी क्यों होना चाहिए, जो हुई ही नहीं और सत्तारूढ़ दल (भाजपा) को इस बारे में इतना हाय-तौबा क्यों मचाना चाहिए? (भाषा)