NDA के सहयोगी दल की धमकी, वापस लो कृषि कानून, नहीं तो तोड़ लेंगे नाता

Webdunia
सोमवार, 30 नवंबर 2020 (22:21 IST)
जयपुर। केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने केंद्र सरकार से हाल में लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वह NDA का सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करेगी।
ALSO READ: एक 'गलत' क्लिक से IIT Bombay में नहीं मिला एडमिशन, खटखटाया Supreme Court का दरवाजा
आरएलपी के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित कर ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा है कि अमित शाहजी, देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से संबंधित लाए गए तीन विधेयकों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए!’
 
बेनीवाल ने आगे लिखा कि चूंकि आरएलपी, राजग का घटक दल है परंतु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित में राजग का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।
ALSO READ: मंत्रिपरिषद विस्तार पर मुख्यमंत्री से चर्चा नहीं होगी, यह उनका और शीर्ष नेतृत्व का अधिकार : सिंधिया
उल्लेखनीय है कि आएलपी व भाजपा ने गत लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था जिसके तहत भाजपा ने राज्य में 25 में से 1 सीट आरएलपी को दी। इस नागौर सीट से बेनीवाल सांसद चुने गए। विधानसभा में आरएलपी के 3 विधायक हैं।
 
सरकार को चुकानी होगी भारी कीमत : केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने सोमवार को कहा कि वे ‘निर्णायक’ लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वे उनके ‘मन की बात’ सुनें। प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते।
ALSO READ: Farmers Protest : किसान बोले- हमारे 'मन की बात' सुनें PM मोदी, नए कृषि कानूनों को बताया कोरोनावायरस से ज्यादा खतरनाक
उन्होंने कहा कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी चिंता पर विचार नहीं करती तो उसे ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी। किसानों के प्रतिनिधि ने कहा कि हम यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे और यहां से अपनी रणनीति बनाएंगे।

हम प्रधानमंत्री से यह कहने के लिए दिल्ली आए हैं कि वह किसानों के ‘मन की बात’ सुनें, अन्यथा सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी को भारी कीमत चुकानी होगी...। वहीं भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को ‘दबाने’ के लिए अब तक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगभग 31 मामले दर्ज किए गए हैं। चढूनी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।

आप के पूर्व नेता एवं अखिल भारतीय संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय कार्यकारी समूह के सदस्य योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन के बारे में 5 झूठ फैलाए जा रहे हैं, जिनमें यह झूठ भी शामिल है कि आंदोलन में केवल पंजाब के किसान शामिल हैं। स्वराज इंडिया के प्रमुख यादव ने कहा कि विभिन्न राज्यों के किसानों के इस ‘ऐतिहासिक आंदोलन’ के ‘ऐतिहासिक परिणाम’ निकलेंगे। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में STF को बड़ी कामयाबी, शूटर शिवकुमार बहराइच से गिरफ्तार, 4 अन्य भी पकड़े गए

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

योगी ने अखिलेश के PDA का भी कर दिया नामकरण, प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी

मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर साधा निशाना, लाल किताब को लेकर दिया यह बयान...

सभी देखें

नवीनतम

बहराइच हिंसा में UP पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, मुख्य साजिशकर्ता 5 साथियों के साथ गिरफ्तार

LIVE: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी और बम से हमले

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में STF को बड़ी कामयाबी, शूटर शिवकुमार बहराइच से गिरफ्तार, 4 अन्य भी पकड़े गए

अयोध्या में 35 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

अगला लेख
More