अड़ियल रवैया अपना रही है सरकार, 2024 तक प्रदर्शन के लिए तैयार किसान : राकेश टिकैत

Webdunia
रविवार, 17 जनवरी 2021 (18:11 IST)
खिलाफ ‘मई 2024 तक’ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन ‘वैचारिक क्रांति’ है।

नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। टिकैत ने कहा कि क्लॉज पर चर्चा वह करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं।
ALSO READ: 10वें दौर की बातचीत से पहले कृषि मंत्री तोमर का बयान, कानून वापसी की जिद छोड़ें किसान
सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने पड़ेंगे। किसान यूनियन के संवाददाता सम्मेलन में कहा में योगेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 26 जनवरी को दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
 
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों नए कानूनों को वापस लिया जाए जिन्हें केंद्र ने कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार बताया है। किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानून एमएसपी के सुरक्षा घेरे को समाप्त करने और मंडी प्रणाली को बंद करने का रास्ता साफ करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने गत मंगलवार को नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।
ALSO READ: अमिताभ ने जताई उम्मीद, पोलियो की तरह देश से Corona भी हो जाएगा खत्म
टिकैत से जब पूछा गया कि किसान कब तक प्रदर्शन करेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि हम मई 2024 तक प्रदर्शन करने को तैयार हैं। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और सरकार एमएसपी को कानूनी गारंटी प्रदान करे। गौरतलब है कि देश में अगले लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 के आसपास ही होने की संभावना है।
 
‘अमीर किसानों’ द्वारा प्रदर्शन में मदद किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए टिकैत ने कहा कि गांवों और अनेक संगठनों के लोगों ने इसमें भाग लिया है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली से शुरू हुई किसानों की वैचारिक क्रांति है और विफल नहीं होगी। गांवों में किसान चाहते हैं कि हम तब तक नहीं लौटें जब तक तीनों कृषि विधेयकों को वापस नहीं लिया जाता।
 
टिकैत ने कहा कि सरकार विधेयकों को वापस नहीं लेने के अपने रुख पर अड़ी है और आंदोलन लंबे समय तक चलता रहेगा। उन्होंने कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया लेकिन कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति में जो सदस्य हैं, उन्होंने कृषि विधेयकों का समर्थन किया था। टिकैत ने कहा कि हम अदालत द्वारा गठित समिति के समक्ष नहीं जाना चाहते।

सरकार ने भी कहा है कि सरकार और किसान इस मुद्दे पर समाधान खोज लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश में विपक्षी दल कमजोर हैं और इसलिए किसानों को केंद्र के नये कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन शुरू करना पड़ा।
 
किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाले कुछ लोगों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नोटिसों पर उन्होंने कहा कि जो लोग आंदोलन का हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें अदालत के मामलों, जेल और संपत्ति सील किए जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। (इनपुट भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, गलत कार्रवाई पर अफसर के खिलाफ सख्ती

हर दिन इस्तेमाल होते हैं Professional Life के ये 10 शब्द, जानिए इनके सही मतलब

बुधनी उपचुनाव में वोटिंग के बाद बोले शिवराज, जुडेंगे तो जीतेंगे, राहुल गांधी पर कसा तंज

झारखंड की 43 सीटों पर दिखा वोटिंग का उत्साह, दिग्गजों ने किया मतदान

प्रियंका ने की वायनाड के मतदाताओं से वोट डालने की अपील, बेहतर भविष्य बनाने का किया आह्वान

अगला लेख
More