व्रतों में प्रमुख व्रत होते हैं नवरात्रि के, पूर्णिमा के, अमावस्या के, प्रदोष के और एकादशी के। इसमें भी सबसे बड़ा जो व्रत है वह एकादशी का है। माह में दो एकादशी होती है। अर्थात आपको माह में बस दो बार और वर्ष के 365 दिन में मात्र 24 बार ही नियम पूर्वक व्रत रखना है। मलमास होने पर 26 एकादशियां हो जाती है। फाल्गुन में विजया एकादशी आती हैं।
विजया एकादशी के 5 फायदे
1. विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति भयंकर से भी भयंकर परेशानी से छुटकारा पा जाता है।
2. इससे शत्रुओं का नाश होता है। अर्थात व्यक्ति को कभी भी शत्रु पीड़ा नहीं सताती है। यह अपने नाम के अनुरूप फल भी देती है। इस दिन व्रत धारण करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है व जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।
3. एकादशी के व्रत रखने से चंद्र ग्रह शुभ होकर अच्छे फल देने लगता है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ बना रहता है।
4. एकादशी के व्रत से व्यक्ति अशुभ संस्कारों को भी नष्ट कर सकता हैं। इसे समस्त पापों का हरण करने वाली तिथि भी कहा जाता है।
5. पुराणों अनुसार जो व्यक्ति एकादशी करता रहता है वह जीवन में कभी भी संकटों से नहीं घिरता और उनके जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत जीवन में सफलता पाने और मनोकामना को पूरा करने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।
विजया एकादशी व्रत मुहूर्त
विजया एकादशी पारणा मुहूर्त : 20 फरवरी को 06:55:41 से 09:11:28 बजे तक