Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

वैशाख माह की वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्‍व

WD Feature Desk
शनिवार, 4 मई 2024 (11:32 IST)
HIGHLIGHTS
 
• वरुथिनी एकादशी में वरुथिनी का अर्थ क्या है।
• वैशाख कृष्ण एकादशी आज। 
• वरुथिनी एकादशी का महत्व बताइए।

ALSO READ: Varuthini Ekadashi : वरुथिनी एकादशी के दिन पूजा के बाद जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, मिलेगी पापों से मुक्ति
 
Varuthini ekadashi today : वर्ष 2024 में वरुथिनी एकादशी का व्रत शनिवार, 4 मई को रखा जा रहा है। इस एकादशी का इसके नाम के हिसाब से ही बहुत ही खास महत्व माना गया है। यह एकादशी जनमानस में वैशाख एकादशी के नाम से भी प्रचलित है। 
 
आइए अब जानते हैं वरुथिनी नाम का अर्थ क्या होता है?
 
तो आइए आपको बताते हैं कि वरुथिनी का अर्थ सुरक्षा और सुरक्षित भी होता है यानी जिसे बचाकर रखा जाए। इसके संबंध में ऐसा माना जाता है कि जो व्रतधारी वरुथिनी एकादशी का व्रत-उपवास रखते हैं, उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है अर्थात् जीवन से नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक विचारों का आगमन होता है और यह एकादशी अपने भक्तों के जीवन की रक्षा करती है। अत: इसी उद्देश्य के साथ भगवान श्री विष्णु के भक्त वरुथिनी एकादशी का व्रत सुखमय जीवन की कामना करते हुए रखते हैं। 
 
हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार यह श्रीहरि विष्णु की उपासना का शुभ दिन हैं, जब कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते हुए जीवन से नकारात्मकता को दूर भगाकर सकारात्मकता प्राप्त करता है। और व्रतधारी इस दिन उपवास रखकर अपने जीवन से नकारात्मक ऊर्जा तथा बुराइयों को दूर करते हैं। 

ALSO READ: varuthini ekadashi : वरुथिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा
 
आइए जानते हैं यहां वरुथिनी एकादशी का महत्व क्या है? 
 
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम वरुथिनी है। इस व्रत से अन्नदान तथा कन्यादान दोनों के बराबर फल व्रतधारी को मिलता है। मान्यतानुसार जो व्यक्ति प्रेम और धनसहित कन्या का दान करते हैं, उनके पुण्य को तो स्वयं चित्रगुप्त भी लिखने में असमर्थ हैं, उनको कन्यादान का फल प्राप्त होता है। 
 
इसके साथ ही जो व्यक्ति लोभ-लालच के वशीभूत होकर कन्या के धन का उपयोग करते अथवा लेते हैं वे प्रलयकाल तक नर्क में वास करते हैं, अथवा उन्हें अगले जन्म में बिलाव के रूप में जन्म लेना पड़ता है। यदि कोई अभागिनी स्त्री यह व्रत करे तो उसे सौभाग्य प्राप्त होता है। अत: सभी मनुष्यों को पापों से डरना चाहिए और धर्म के मार्ग पर चलते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 
 
वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्व और फल दस हजार (10000) वर्ष तक तप करने के बराबर बतलाया गया है। साथ ही कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण के समय एक मन स्वर्ण दान करने से जो फल प्राप्त होता है, वही फल वरुथिनी एकादशी व्रत करने से मिलता है। 

ALSO READ: Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?
 
पुराणों में वर्णन‍ मिलता है कि वरुथिनी एकादशी के प्रभाव से ही राजा मान्धाता को स्वर्ग प्राप्ति हुई थी। इतना ही नहीं वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य इस लोक में अनंत सुख भोगकर परलोक में स्वर्ग को प्राप्त होता है।

यदि कोई मनुष्य विधिवत इस एकादशी व्रत को करते हैं उनको स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत का फल गंगा स्नान के फल से भी अधिक और इस व्रत के महात्म्य को पढ़ने से एक हजार (1000) गौदान का फल मिलता है। यह एकादशी सौभाग्य देकर ली, सब पापों को नष्ट करने वाली तथा अंत में मोक्ष देने वाली है। ऐसा इस एकादशी का महत्व बताया गया है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: एकादशी पर श्रीहरि विष्णु के साथ करें इन 3 की पूजा, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास हो जाएगा
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

27 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

27 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

Health rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की सेहत का हाल, जानिए उपाय के साथ

मार्गशीर्ष माह के हिंदू व्रत और त्योहारों की लिस्ट

अगला लेख
More