शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन अर्थात दशमी को हम विजया दशमी यानी दशहरा मनाते हैं। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अन्याय पर न्याय की, अधर्म पर धर्म की एवं अहंकार पर स्वाभिमान की विजय हासिल की थी और अभिमानी लंकापति रावण का वध किया था।
हम दशहरे के दिन अपने शस्त्रों का भी पूजन करते हैं व रावण के पुतले का दहन कर अपने आंतरिक अहंकाररूपी रावण को जलाकर मन में बसे स्वाभिमानी राम के विजय की जय-जयकार करते हैं।
शस्त्र पूजन व रावण दहन के शुभ मुहूर्त
चौघड़िया अनुसार
सुबह : 10.48 से 12.15 लाभ
दोपहर : 12.15 से 1.43 अमृत
दोपहर : 3.10 से 4.38 शुभ
शाम : 7.38 से 9.11 लाभ
रात्रि : 10.43 से 12.16 शुभ
रात्रि : 12.16 से 1.48 अमृत
लग्नानुसार मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त : 4.20 से 6.28 कन्या लग्न
सुबह : 6.28 से 8.43 तुला लग्न
सुबह : 10.58 से 1.04 धनु लग्न
दोपहर : 2.52 से 4.27 कुंभ लग्न
शाम : 5.58 से 7.40 मेष लग्न
रात्रि : 7.40 से 9.38 वृषभ लग्न
विशेष : अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11.52 से दोपहर 12.39 तक