करियर में कामयाब होना और जीवन में कामयाब होना दो बिल्कुल अलग-अलग बाते हैं। आप ऐसे कई लोगों को जानते होंगे, जो अच्छी खासी आमदनी के बावजूद पैसों के लिए परेशान रहते हैं- वजह होती है मनी मैनेज करने का सही ढंग न होना।
जीवन में सफलता के लिए गुड लाइफ मैनेजर होना भी उतना ही जरूरी है जितना कि कामयाब एक्जीक्यूटिव होना। सवाल है लाइफ को कैसे कामयाबी के साथ मैनेज करें? पेश हैं इस संबंध में पांच खास टिप्स।
अंग्रेजी की कहावत है 'नो रिस्क नो गेन'। जी हां, भविष्य के लिए जब निवेश की बात आए तो थोड़ा साहसी होना जरूरी है, लेकिन साहसी होने का मतलब दुःस्साहसी होना कतई नहीं है। कहने का मतलब यह कि निवेश करते समय उम्र का भी ध्यान रखें।
यदि आप युवा हैं तो संभव है घाटा उठाने के बाद दोबारा नई शुरुआत कर सकें, लेकिन यदि आप 40 की बाउंड्री पार कर चुके हैं, तो समझिए घाटा उठाकर उबरना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट से पहले उसके बारे में रिसर्च कर लें, लाभ कितना होगा, यदि घाटे में रहेंगे तो कितना घाटा होगा।
ऐसा नहीं है कि 40 की उम्र के बाद झटका खाने वाले हमेशा हथियार ही डाल देते हों, लेकिन औसतन इस उम्र के बाद क्षमता और हौसले दोनों में गिरावट आती है तो लॉ ऑफ एवरेज के हिसाब से यह उम्र रिस्क लेने की नहीं है।
कहते हैं अगर सही आदमी सही जगह हो, तो सफलता खुद चलकर उस तक आती है। जी हां, देखा गया है कि जब कोई व्यक्ति वह काम करता है जो उसकी हॉबी होती है तो वह बेहद कामयाब होता है फिर चाहे उसका बैंकग्राउंड कुछ भी हो। अमिताभ बच्चन की हॉबी थी अभिनय और सचिन तेंडुलकर की हॉबी थी क्रिकेट आगे की कहानी हम सभी जानते हैं।