भाई दूज पर हिन्दी निबंध

Webdunia
प्रस्तावना - दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और पांच दिवसीय त्योहार के पांचवे दिन मनाया जाता है, भाई दूज का पर्व। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जा ता है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, जिसे बड़ी श्रद्धा और परस्पर प्रेम के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के बाद, भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है। 
कैसे मनाते हैं - भाई दूभाई दूज का पर्व दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन वि‍वाहिता बहनें भाई बहन अपने भाई को भोजन के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है, और गोबर से भाई दूज परिवार का निर्माण कर, उसका पूजन अर्चन कर भाई को प्रेम पूर्वक भोजन कराती है। बहन अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है। भाई दूर से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं जिनके आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग तरह ये मनाया जाता है।
भाई दूज की कथा - सूर्यदेव की पत्नी छाया की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती थी कि वे उसके घर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे।कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को खड़ा देखकर हर्ष-विभोर हो गई। प्रसन्नचित्त हो भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा।तब बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज 'तथास्तु' कहकर यमपुरी चले गए। ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता।

मान्यता - भाई दूज को लेकर यह मान्यता प्रचलित है, कि इस दिन भाई को तिलक लगाकर प्रेमपूर्वक भोजन कराने से परस्पर तो प्रेम बढ़ता ही है, भाई की उम्र भी लंबी होती है। चूंकि इस दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज से वचन लिया था, उसके अनुसार भाई दूज मनाने से यमराज के भय से मुक्ति मिलती है, और भाई की उम्र व बहन के सौभाग्य में वृद्धि होती है। 
 

उपसंहार -  भाई का प्रेम है सबसे अलग। बहन के प्रति बचपन से ही चिंतित रहने वाले भाई के प्रति प्रेम प्रकट करने का इससे अच्छा अवसर दूसरा नहीं। जितना महत्व रक्षा बंधन को दिया जाता है उतना ही महत्व भाई दूज को भी दिया जाना चाहिए। बहन को चाहिए कि भाई को अपने घर बुलाकर उसे भोजन कराएं तथा लंबी उम्र की कामना के साथ छोटा-सा ही सही, पर उपहार जरूर दें। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

बुध ग्रह का तुला राशि में उदय, 4 राशियों के लिए रहेगा बेहद शुभ समय

करवा चौथ पर राशि के अनुसार पहनें परिधान

Diwali muhurat 2024 : दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और सामग्री सहित पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

सोने में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो पहले जान लें ये बातें

धनतेरस पर भूलकर भी न करें इन चार चीजों की खरीदारी, वर्ना रुक जाएगी बरकत

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 22 अक्टूबर, आज क्या कहती है आपकी राशि (पढ़ें 12 राशियां)

दिवाली पर क्यों करते हैं मुहूर्त ट्रेडिंग, क्या है इसका इतिहास?

22 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख
More