दिल्ली की राह उत्तर प्रदेश से ही होकर जाती है। भारतीय राजनीति का यह एक शाश्वत सत्य है। यही वजह है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का फोकस भी सर्वाधिक (80) लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश पर ही होता है। चूंकि 2014 से ही प्रदेश की लोकसभा की सर्वाधिक सीटें भाजपा के खाते में हैं, लिहाजा इस स्थिति को बरकरार रखने या इससे आगे निकलना, भाजपा की कोशिश होगी।
एक टीम के रूप में भाजपा प्रदेश के विधानसभा चुनावों के बाद से ही इसके लिए पूरी शिद्दत से जुड़ गई है। पिछले दिनों बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश के कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों का जिक्र कर यह संकेत दे दिया कि लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश के लिए यही दो मुद्दे होंगे।
कानून-व्यवस्था ही होगा प्रमुख मुद्दा : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सितंबर 2021 से दिसंबर 2021 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई अवसरों पर अपने संबोधनों में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और इसके असर का जिक्र किया। बड़े नेताओं द्वारा इन मुद्दों को स्थापित करने के बाद चुनावी रैलियों के दौरान ये मुद्दे पूरी तरह छाए रहे और चुनाव परिणाम में इसका असर भी दिखा।
माफिया पर सख्ती और विकास के मुद्दे भाजपा के लिए मुफीद : पहले ही कार्यकाल से माफिया के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती और विकास का मुद्दा भाजपा के लिए लगातार मुफीद साबित होता दिखा है। 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम इसकी तस्दीक भी करते हैं। यही वजह है कि हर सार्वजनिक कार्यक्रम में पार्टी के शीर्ष पंक्ति नेता इन दोनों मुद्दों को अपने अंदाज में जनता के बीच रखते हैं। मसलन 20 अक्टूबर 2021 को कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों मुद्दों का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था, '2017 के पूर्व की सरकार में माफिया को लूट की खुली छूट थी। पर, अब योगी जी के नेतृत्व में ऐसी सरकार है जिससे माफिया माफी मांगता फिर रहा है। इसका दर्द उनको से संरक्षण देने वालों को हो रहा है। यह सरकार भू-माफिया के मंसूबों को ध्वस्त कर रही है जो पहले गरीबों वंचितों शोषित और पिछड़ों की जमीन पर कब्जा करते थे। जब कानून का राज होता है, अपराधियों में डर होता है तो विकास का लाभ भी सभी लोगों तक तेजी से पहुंचता है। इसे योगी जी की पूरी टीम जमीन पर उतारकर दिखा रही है।' 7 दिसंबर 21 को गोरखपुर खाद कारखाने के लोकार्पण के मौके पर दोबारा प्रधानमंत्री ने अपनी बात पर मुहर लगाते हुए कहा था, 'आज योगी जी के राज में माफिया जेल में है तो निवेशक दिल खोलकर यूपी में निवेश कर रहे हैं, जबकि पहले अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था।'
समय-समय पर पार्टी के बाकी शीर्ष नेताओं ने भी इस पर मुहर लगाई। मसलन 13 नवम्बर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्ती और आजमगढ़ के कार्यक्रमों में प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। बस्ती में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के उद्घाटन समारोह में शाह ने कहा था कि योगी जी ने प्रदेश को दंगामुक्त बनाकर विकास को और गति दी। यूपी में अब चौतरफा परिवर्तन दिख रहा है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद कहीं भी माफिया नहीं दिखता है। माफिया का तो सफाया हुआ ही है, पलायन का भय दिखाने वाले खुद ही पलायन कर गए। पहले यूपी में पुलिसवाले बाहुबलियों को देखकर डरते थे लेकिन आज पुलिस को देखते ही बाहुबली गले में पट्टी लटकाकर कहते हैं, हम शरण में हैं, हमें गोली मत मारो। यह परिवर्तन भाजपा की योगी सरकार के कारण आया है।
इसी दिन आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने उत्तर प्रदेश को माफिया राज से मुक्ति दिलाने का काम किया है। आजमगढ़ इसका बड़ा उदाहरण है। पहले प्रदेश में लोग शामली के कैराना से लोग पलायन कर रहे थे। बेटियों की उच्च शिक्षा नहीं हो पाती है। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि माफिया उत्तर प्रदेश छोड़कर चले गए हैं। अब यहां कानून का राज है।
अब वर्दीधारी गुंडों पर भारी : इसी क्रम में 24 सितंबर, 2021, चौक बाजार महराजगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, 'योगी जी में सत्ता की शक्ति के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति है। कभी उत्तर प्रदेश में गुंडे वर्दी पर भारी पड़ते थे आज वर्दीधारी उन गुंडों पर भारी हैं। योगी जी की सरकार ने अपराधियों की 18600 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। अपराधियों का मनोबल तोड़ना और सज्जनों का मनोबल बढ़ाना ही सत्ता का धर्म है और सीएम योगी आदित्यनाथ यही कर रहे हैं। इस सच्चाई को कोई भी नहीं नकार सकता, यहां तक हमारे विरोधी भी, कि यूपी में योगी आदित्यनाथ एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका नाम लेते ही अपराधियों का दिल धड़कने लगता है।'
22 नवम्बर 2021 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गोरखपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में यूपी की सुदृढ़ कानून व्यवस्था का श्रेय सीएम योगी को दिया था। उक्त सम्मेलन में बकौल नड्डा, 'उत्तर प्रदेश में एक वक्त वह भी था जब सूर्यास्त के साथ ही उत्तर प्रदेश ठहर जाता था। बहू बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। वर्ग विशेष के लोग अपने हिसाब से कानून चलाते थे। लेकिन, अब हालात बदल गए हैं। अब दरिंदे कोर्ट में अपील करते हैं कि हमें जेल में डाल दो या किसी अन्य राज्य भेज दो। यह परिवर्तन योगी जी लाए हैं।'
लोकसभा चुनाव के लिए भी माहौल बनना शुरू : विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जो माहौल बना था, वही लोकसभा चुनाव के लिए बनाने की पहल शुरू हो चुकी है। बुंदेलखंड से प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत कर दी है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी की कानून-व्यवस्था और कनेक्टिविटी को सुधार दिया जाए तो इस प्रदेश में चुनौतियों को भी चुनौती देने का माद्दा है। (लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के अपने हैं, वेबदुनिया का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है।)
योगीजी की अगुवाई में इन दोनों क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं। सरकार के साथ उसका मिजाज भी बदला है। हमने पक्के इरादे से जो काम शुरू किए उसे पूरा करने में समय की मर्यादा का भी पूरा ख्याल रखा। आगे-पीछे नहीं सब मिलकर साथ चलें। आगे बढ़े। इसके जरिए हम सबके साथ, सब के विकास के नारे को लगातार काम करके साकार कर रहे हैं। साथ ही 'ये मोदी है, ये योगी है' कहकर प्रधानमंत्री बाकी लोगों के लिए बड़ा संदेश भी दे गए। प्रधानमंत्री और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के संदेश की सार्थकता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार साबित भी कर रहे हैं।
जीबीसी-3 के जरिए 8024 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव लाकर उन्होंने साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश निवेशकों का पसंदीदा मंजिल बन चुका है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए प्रदेश की इस छवि को और विस्तार दिया जाएगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए निवेश का लक्ष्य है। निवेश का यह माहौल भी बेहतरीन कानून व्यवस्था से बना है। अब तो हालात यह हैं कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फिलहाल सपा के गठबंधन के मुख्य किरदार ओमप्रकाश राजभर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था के कसीदे पढ़ रहे हैं। (आलेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। वेबदुनिया का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है)