फैलने से रोकती हैं। सड़कों पर कानफाड़ू शोर अनुपस्थित है। सब बेहद शांत। न कहीं हॉर्न की आवाज और न ही मोबाइल फोन की घंटी बजने की। पश्चिमी देशों की तरह जापान में भी हॉर्न तभी बजाया जाता है, जब कोई बड़ी विपदा आन पड़ी हो। अन्यथा, सब वाहन अनुशासन से, किसी भी रूप में दूसरे लोगों की शांति भंग किए बिना आगे बढ़ते रहते हैं।हमारे यहाँ लोग सार्वजनिक स्थानों पर भी मोबाइल फोन पर बेहद बेतकल्लुफ होकर बात करते हैं। टोक्यो में मुझे अपने आठ दिन के प्रवास में एक बार भी मोबाइल की घंटी सुनाई नहीं दी, न ही कोई व्यक्ति उस पर बात करते सुनाई दिया। शायद सब अपने मोबाइल फोन को वाइब्रेटर मोड में रखते हैं। ट्रेनों और मॉल्स में जहाँ हजारों लोग इकट्ठे होते हैं, वहाँ भी कोई ध्वनि प्रदूषण महसूस नहीं होता। प्रदूषण को लेकर जापानियों की यह जागरूकता संभवतः 'भाषायी मिलावट' पर भी लागू होती है। सब फिट और फैशनेबल : जापानी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर 'जरा-सी' अंग्रेजी दिखती है जो शायद पर्यटकों की सुविधा के लिए है। लेकिन उसका अनुपात बेहद कम है। सिर्फ प्रतिष्ठान का नाम अंग्रेजी में होगा, बाकी सारा विवरण जापानी में। मॉल्स और दुकानों के भीतर भी अंग्रेजी जानने वाले लोग इक्का-दुक्का ही। मैं अपनी पत्नी के लिए एक लोंग जैकेट खरीदना चाहता था, लेकिन किसी भी सेल्समैन या सेल्सगर्ल को यह समझाने में नाकाम रहा कि मुझे कैसा जैकेट चाहिए। वे अंग्रेजी या हिंदी नहीं जानते थे और मैं जापानी। तब मैंने चित्रों की भाषा से काम लिया और एक कागज माँगकर उस पर चित्र बना-बनाकर डिजाइन, लंबाई आदि समझाई।
जापान में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन आदि के फैशन का प्रभाव तो साफ दिखाई देता है, लेकिन विशुद्ध जापानी फैशन भी आपकी नजरों से चूक नहीं सकते। विशेषकर उनके बालों के स्टाइल। आपने जापानी कार्टून फिल्मों में पात्रों को लंबे-लंबे बालों, तीखी नोकों वाली कलमों को देखा होगा। उन्हें आप टोक्यो में साक्षात देख सकते हैं। जापानी युवाओं को फैशन से स्पष्ट लगाव है और वे प्रयोगों से संकोच नहीं करते। आजकल वहाँ लंबे बालों का फैशन दिखता है। हेअर जेल लगाकर करीने से 'उलझाकर' सँवारे हुए लंबे बालों की अनोखी हेअर स्टाइलें देखना मुझे बड़ा दिलचस्प लगा।
युवकों में 'मोगली' के जैसी लंबी लटों वाली स्टाइल खूब दिखी। हम भारतीय युवक अपना व्यक्तित्व सँवारने के लिए कपड़ों, जूतों, चश्मे, घड़ी आदि को शायद अधिक प्रमुखता देते हैं, लेकिन जापान में सजे-सँवरे, अनूठे स्टाइल में निखरे बाल फैशन का अनिवार्य हिस्सा हैं। मैंने कई युवतियों को सुनहरे, लाल, बैंगनी, नीले आदि चटखीले रंगों के बालों में भी देखा। कुछ युवतियों ने अपनी फिरंगियों जैसी गोरी त्वचा को बहुत ज्यादा 'टैनिंग' के जरिये स्वयं को हम हिंदुस्तानियों से भी ज्यादा साँवला कर लिया था। लोग ठीक कहते हैं, जिसके पास जो नहीं होता वही ज्यादा अच्छा लगता है। (सभी चित्र : बालेन्दु दाधीच)