मुंबई। करीब 80 प्रतिशत प्रतिबंधित नोट 10 दिसंबर तक जमा के रूप में बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं। ऐसे में ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी ने राय व्यक्त की है कि इसका नकारात्मक असर इतना ऊंचा नहीं होगा, जैसा पहले माना जा रहा था।
एचएसबीसी इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने एक नोट में कहा, नोटबंदी के बाद चलन में मौजूद मुद्रा में अभी तक 60 प्रतिशत की कमी बनी हुई है। ऐसे में नकदी संकट पैदा हो गया है। वहीं दूसरी ओर 80 प्रतिशत रद्द नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं। इससे पता चलता है कि नकारात्मक झटका इतना अधिक नहीं होगा। शुरुआती दिनों में नोटबंदी का बढ़ती जमा पर कम से कम प्रतिकूल असर पड़ेगा। (भाषा)