ट्रेविस हेड, यह नाम भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लंबे समय तक याद रहने वाला है। ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड ने एकदिवसीय विश्वकप फाइनल में ना केवल 137 रन लगाकर ऑस्ट्रेलिया को छठवां खिताब जिताया बल्कि मैच को एकतरफा बना दिया।
यह वनडे विश्वकप में किसी खिलाड़ी द्वारा रनों का पीछा करते हुए बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले साल 1996 में अरविंद डिसिल्वा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 102 रन नाबाद बनाए थे।
बहरहाल ट्रेविस हेड एक साल में दूसरी बार भारत से आईसीसी ट्रॉफी छीन चुके हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की ओर से वह इंग्लैंड के ओवल में खेले गए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में 163 रन बनाकर मैच को भारत से दूर ले गए थे और ऑस्ट्रेलिया 209 रनों से जीत गया था। एकदिवसीय विश्वकप फाइनल की तरह ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी वह मैन ऑफ द मैच थे।
दिलचस्प बात यह रही थी कि वह दोनों बार तब क्रीज पर मौजूद थे जब ऑस्ट्रेलिया 3 विकेट खोकर मुश्किल में था। एकदिवसीय विश्वकप फाइनल में वह विकेट गिरते हुए देख रहे थे। जबकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में वह 76 रनों पर 3 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर आए थे।
एकदिवसीय विश्वकप फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच ट्रेविस हेड (137 रन) ने कहा, कितना शानदार दिन, इसका हिस्सा होकर रोमांचित हूं। मैं थोड़ा नर्वस था लेकिन मार्नस शानदार तरीके से खेला और उसने पूरा दबाव खत्म कर दिया। मुझे लगता है कि मिचेल मार्श ने मैच की लय तय कर दी।
हेड विश्व कप से पहले चोटिल थे। उन्होंने कप्तान के टॉस जीतकर गेंदबाजी करने के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा, पहले गेंदबाजी का फैसला शानदार था और जैसे जैसे मैच आगे बढ़ा, विकेट बेहतर हो गया। इससे फायदा मिला।