कराची। 2 बरस पहले भारत के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में जसप्रीत बुमराह की नोबॉल पर बचे फखर जमां शतक जमाकर पाकिस्तान क्रिकेट के नूरे नजर बन गए और अब नौसेना से क्रिकेट में आए इस बल्लेबाज के सामने विश्व कप के रूप में उसके करियर की सबसे बड़ी चुनौती है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल में बुमराह की गेंद पर जमां ने विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी को कैच थमा दिया। बुमराह हालांकि गेंद डालते समय क्रीज से बाहर निकल गए थे और उस समय 3 रनों पर खेल रहे जमां को जीवनदान मिल गया। उसने अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में पहला शतक जमाकर टीम को जीत दिलाई।
उसके बाद से वे पाकिस्तानी बल्लेबाजी की धुरी बने हुए हैं। पाकिस्तानी क्रिकेटप्रेमियों को 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप में उनसे एक बार फिर इसी प्रदर्शन की उम्मीद होगी। फखर ने कहा कि मैं उस नोबॉल से स्टार बन गया। मैंने फाइनल से पहले ख्वाब देखा था कि मैं नोबॉल पर आउट हो गया हूं और वह सही हुआ।
उन्होंने कहा कि मैं शुरुआत में दुखी था, क्योंकि मैने अपने वालेदान से मैच में अच्छे प्रदर्शन का वादा किया था। उन्होंने हालांकि कहा कि शोहरत से उनके कदम नहीं भटके हैं और उनका लक्ष्य पाकिस्तान को 1992 के बाद पहला विश्व कप दिलाना है। शोहरत के साथ जिम्मेदारी भी आती है और अब मैं पहले से ज्यादा परिपक्व हूं। अब मुझे अपनी भूमिका की अहमियत पता है। विश्व कप में यह मेरी प्राथमिकता होगी।
नौसेना की टीम के लिए क्रिकेट खेलने वाले फखर की आक्रामक बल्लेबाजी ने मुख्य कोच मिकी आर्थर और मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक को प्रभावित किया। पाकिस्तान सुपर लीग 2017 में सलामी बल्लेबाज शरजील खान के स्पॉट फिक्सिंग मामले में प्रतिबंधित होने से उन्हें मौका मिला। चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक 3 महीने पहले शरजील टीम से बाहर हुए थे और फखर ने मौके का पूरा फायदा उठाकर अपनी छाप छोड़ी।
नौसेना से जुड़े होने के कारण टीम में 'सोल्जर' के नाम से मशहूर फखर ने पिछले साल जिम्बाब्वे के खिलाफ दोहरा शतक जमाया। उसने कहा कि मेरा काम रन बनाना है और मैं वह कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि मेहनत रंग जरूर लाएगी।