Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने दिया इस्तीफा, इस कारण थे सरकार से नाराज...

हमें फॉलो करें विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने दिया इस्तीफा, इस कारण थे सरकार से नाराज...
, सोमवार, 17 मई 2021 (23:33 IST)
नई दिल्ली। जाने-माने विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने कोरोनावायरस (Coronavirus) की जीनोम श्रृंखला का पता लगाने वाली केंद्र सरकार की समिति आईएनएसएसीओजी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले जमील ने कहा था कि वैज्ञानिकों को साक्ष्य आधारित नीति निर्णय के प्रति अड़ियल रवैए का सामना करना पड़ रहा है।

गत शुक्रवार को आईएनएससीओजी की बैठक हुई थी। इसमें मौजूद चार अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने बताया कि उसी बैठक में जमील ने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। फोन कॉल और संदेशों का जमील की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।

एक वैज्ञानिक ने बताया कि जमील ने इस्तीफा देने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है। बैठक में शामिल वैज्ञानिक ने बताया, शुक्रवार की बैठक में उन्होंने कहा कि वह आईएनएससीओजी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे रहे हैं।बैठक में शामिल एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा, हो सकता है कि वह सरकार के रवैए से निराश हों (महामारी से निपटने के तरीके को लेकर)।तीसरे वैज्ञानिक ने कहा कि पद छोड़ने का कारण स्पष्ट नहीं है और कहा कि जमील के हटने से समूह के कामकाज पर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

चौथे वैज्ञानिक ने कहा, इस निर्णय की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जमील की घोषणा से पहले उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। पिछले हफ्ते शाहिद जमील ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बारे में एक लेख लिखा था।

उक्त लेख में उन्होंने लिखा था, भारत में मेरे साथी वैज्ञानिकों के बीच इन उपायों को लेकर खास समर्थन है। लेकिन साक्ष्य आधारित नीति निर्माण के प्रति उन्हें अड़ियल रवैए का सामना करना पड़ रहा है। 30 अप्रैल को 800 से अधिक भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की थी उन्हें आंकड़े उपलब्ध करवाए जाएं ताकि वे आगे अध्ययन कर सकें, अनुमान लगा सकें और इस वायरस के प्रकोप को रोकने के प्रयास कर सकें।

उन्होंने कहा, भारत में वैश्विक महामारी काबू से बाहर हो चुकी है, ऐसे में आंकड़ों पर आधारित नीति निर्णय भी खत्म जैसा ही है। इसकी मानवों से संबंधित जो कीमत हमें चुकानी पड़ रही है, उससे होने वाली चोट स्थाई निशान छोड़ जाएगी।
ALSO READ: DRDO की 2DG कैसे करती है Coronavirus पर वार? क्या रहेगी कीमत, जानिए सारे सवालों के जवाब
‘दी इंडियन सार्स-सीओवी2 कॉनसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (आईएनएसएसीओजी)’ दस राष्ट्रीय 
प्रयोगशालाओं का समूह है जिसकी स्थापना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीते वर्ष 25 दिसंबर को की थी। इस समिति का काम है कोरोनावायरस की जीनोम श्रृंखला तैयार करना और जीनोम के स्वरूपों तथा महामारी के बीच संबंध तलाशना।
ALSO READ: CoronaVirus को खत्म करने की दवा 'DRDO 2DG हुई लांच
हालांकि देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बाद समिति की आलोचना की जाने लगी। इस महीने की शुरुआत में जमील ने रॉयटर्स से कहा था, मुझे चिंता इस बात की है कि नीति निर्माण के लिए वैज्ञानिक पहलू पर विचार नहीं किया जा रहा। मैं भलीभांति जानता हूं कि मेरा अधिकार क्षेत्र कहां तक है।

एक वैज्ञानिक होने के नाते हम साक्ष्य दे सकते हैं लेकिन नीति निर्माण का काम सरकार का है।कांग्रेस ने जमील के इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार में पेशेवर व्यक्तियों के लिए कोई स्थान नहीं है।
ALSO READ: Coronavirus से निपटने के लिए कितना तैयार है आपका घर, जानिए 8 जरूरी बातें
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, डॉक्टर शाहिद जमील का इस्तीफा निश्चित तौर पर दुखद है। ऐसे पेशेवर लोगों के लिए मोदी सरकार में कोई जगह नहीं है, जो बिना पक्ष या भय के बोल सकते हों।कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए सवाल किया, इस सरकार की लापरवाही से भारत को कितनी पीड़ा झेलनी पड़ेगी।पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सवाल किया कि जमील ने इस्तीफा दिया या फिर उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया?(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

PM मोदी ने Corona के खिलाफ जंग में योगदान दे रहे चिकित्सकों से किया संवाद