नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और गुजरात साप्ताहिक कोविड-19 मामलों और सकारात्मकता दर के आधार पर चिंता बढ़ाने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में उभर रहे हैं।
देश में 33 दिनों के बाद कोविड-19 के एक दिन में 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे में मामलों में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने कहा कि 8 जिलों से कोविड-19 के साप्ताहिक संक्रमण के 10 प्रतिशत से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, 14 जिलों में संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत है। सरकार ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार का संकेत देने वाली आर नॉट वैल्यू (रिप्रोडक्शन वैल्यू) 1.22 है इसलिए मामले बढ़ रहे हैं न कि घट रहे हैं।
सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से कहा कि साक्ष्य से पता चलता है कि वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप डेल्टा स्वरूप से तेजी से फैलता है और 2-3 दिनों में दोगुना हो जाता है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के बाद प्रतिरक्षा लगभग 9 महीने तक बनी रहती है।
सरकार ने कहा कि भारत की 90 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना वायरस रोधी टीके की पहली खुराक दी गई है और 63.5 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है। टीके की एहतियाती खुराक मुख्य रूप से संक्रमण की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की आशंका को कम करने के लिए है।
सरकार ने कहा कि टीकाकरण से पहले और बाद में मास्क लगाना जरूरी है। उसने कहा कि पहले और वर्तमान में फैले हुए कोरोना वायरस के स्वरूप समान मार्गों से फैलते हैं और संक्रमण के लिए उपचार दिशानिर्देश समान हैं।
सरकार ने कहा कि एक महीने के भीतर 121 देशों में ओमीक्रोन स्वरूप के 3,30,379 मामले सामने आए हैं और 59 लोगों की इससे मौत की खबर है।
बूस्टर के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश : सरकार ने गुरुवार को कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्य कर्मियों तथा कोरोना योद्धाओं को दिए जाने अतिरिक्त कोविड टीके- प्रीकॉशन डोज के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश 10 जनवरी से पहले जारी कर दिए जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड टीके की अतिरिक्त खुराक देने के दिशा-निर्देश के संबंध में संबंधित विशेषज्ञों और समूहों में गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।
इसके लिए उपलब्ध सभी सर्वेक्षणों और घटनाओं का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद यह तय किया जायेगा कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों तथा कोरोना योद्धाओं को अतिरिक्त खुराक के तौर पर कौन-सा टीका लगाया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में डॉ. पॉल ने कहा कि अतिरिक्त टीके के लिए 9 महीने का अंतराल कई अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर किए गए रिचर्स को ध्यान में रखकर लिया गया है। देश में अधिकतर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन के टीके लिये हैं। इनकी प्रभावशीलता नौ से दस महीने तक 90 प्रतिशत तक बनी रहती है।