वॉशिंगटन। एपल और गूगल ने बुधवार को कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के संपर्क में आने की आशंका होने पर लोगों को अपने आप सूचित करने वाली स्मार्टफोन तकनीक जारी की। दोनों कंपनियों ने कहा कि 22 देश और अमेरिका के कई राज्य उनके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर स्वैच्छिक फोन ऐप तैयार करने की योजना पहले ही बना रहे हैं।
यह ब्लूटूथ वायरलेस तकनीक पर आधारित है, जिसके जरिए ऐप को डाउनलोड करन वाला व्यक्ति जब ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी अन्य व्यक्ति के साथ समय बिताता है, जो बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है, तो पहले व्यक्ति को इसकी सूचना अपने आप मिल जाएगी।
कई सरकारों ने कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए अपने फोन ऐप पहले ही तैयार करने की कोशिश की है, लेकिन ज्यादातर असफल रहे हैं। इनमें से कई ऐप को एपल और एंड्रायड पर तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा है और उन्हें व्यापक रूप से नहीं अपनाया गया।
ये ऐप अक्सर लोगों के स्थान को ट्रैक करने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं, जिन पर एपल और गूगल अपने नए संस्करणों में गोपनीयता और सटीकता संबंधी चिंताओं के कारण प्रतिबंध लगा रहे हैं।
कंपनियों ने कहा कि वे ‘कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग’ की जगह लेने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, जो संक्रमण को रोकने का एक महत्वपूर्ण जरिया है, बल्कि उनका स्वचालित ‘एक्पोजर नोटिफिकेशन’ उस प्रक्रिया का पूरक है और सिस्टम कोविड-19 वायरस के प्रकोप को धीमा करता है।
इससे ऐसे व्यक्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी, जो संक्रमित है, लेकिन जिसमें इसके लक्षण अभी नहीं दिख रहे। इस ऐप के जरिए उपयोगकर्ताओं की पहचान गोपनीय रहेगी।
कंपनियों ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि उपयोगकर्ताओं द्वारा इसका इस्तेमाल करना ही इसकी सफलता की कुंजी है और उनका मानना है कि गोपनीयता के कारण लोग इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। भारत सरकार ने भी इसी तरह का एक ऐप ‘आरोग्य सेतु’ विकसित किया है।(भाषा)