सुप्रीम कोर्ट पर भी Corona का साया, अब सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई

Webdunia
शुक्रवार, 13 मार्च 2020 (19:57 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (कोविड-19) का शुक्रवार को संज्ञान लेते हुए निर्णय लिया कि 16 मार्च से सिर्फ आवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई होगी और मामले से संबंधित वकीलों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को न्यायालय कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
 
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े के निवास पर गुरुवार और शुक्रवार को हुई बैठकों में कोरोना वायरस के मुद्दे पर गहन मंत्रणा की गई थी। शीर्ष अदालत ने विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा कोविड-19 को ‘वैश्विक महामारी’ घोषित करने के तथ्य के मद्देनजर लोगों के सामूहिक रूप से एकत्र नहीं होने के बारे में केन्द्र के पांच मार्च के परामर्श का संज्ञान लिया।
 
प्रधान न्यायाधीश बोबड़े की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में मुकदमों की सुनवाई आवश्यक मामलों तक सीमित करने और न्यायालय कक्ष में सिर्फ मुकदमे के वकीलों को ही प्रवेश की अनुमति देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
 
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उच्चतम न्यायालय के सेक्रेट्री जनरल संजीव एस. कालगांवकर द्वारा जारी न्यायालय की अधिसूचना में इस निर्णय की जानकारी दी गई। इस अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्णय लिया गया है कि न्यायालय का कामकाज सिर्फ ऐसे आवश्यक मामलों तक सीमित रहेगा, जिनके लिए पीठों की संख्या उचित पाई जाएगी। 
 
इस संबंध में जारी शीर्ष अदालत की अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी परामर्श की समीक्षा करने और चिकित्सा के पेशे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों की राय तथा सभी आगंतुकों, वादकारियों, वकीलों, न्यायालय के कर्मचारियों, सुरक्षा, रखरखाव और सहायक स्टाफ और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा तथा उनके कल्याण को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी ने न्यायालयों में मुकदमों की सुनवाई सिर्फ आवश्यक मामलों तक सीमित रखने का निर्णय लिया है। ऐसे मुकदमों के लिए पीठों की संख्या उतनी ही होगी, जो उचित समझी जाएगी।
 
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अधिसूचना में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के न्यायालय कक्ष में मुकदमों में पेश होने वाले वकीलों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। शीर्ष अदालत ने जन स्वास्थ्य बनाए रखने के सुरक्षा उपायों के महत्व को देखते हुए इस संबंध में सभी से सहयोग का अनुरोध किया है।
 
उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के सचिव अशोक अरोड़ा ने गुरुवार को बताया था कि इस विषय पर विचार विमर्श और न्यायालय के कामकाज को सीमित करने की संभावना तलाशने के लिए प्रधान न्यायाधीश के आवास पर एक बैठक हुई थी।
 
इस बैठक में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, सालिसीटर जनरल तुषार मेहता, बार एसोसिएशन के सचिव अशोक अरोड़ा और स्वास्थ मंत्रालय और कानून मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे
 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 81 हो गई। इसमें इटली के 16 और कनाडा का एक नागरिक भी शामिल है। उच्चतम न्यायालय में इस समय होली का अवकाश है और सोमवार 16 मार्च से शीर्ष अदालत फिर से खुल रही है।

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