Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नाक के जरिए टीका देने से कोरोना संक्रमण रोकने में मिली कामयाबी, चूहे पर की गई रिचर्स

हमें फॉलो करें नाक के जरिए टीका देने से कोरोना संक्रमण रोकने में मिली कामयाबी, चूहे पर की गई रिचर्स
, शनिवार, 22 अगस्त 2020 (16:23 IST)
वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ एक टीका विकसित किया है जिसकी एक खुराक नाक के जरिए दी जा सकती है और यह चूहे में कोरोनावायरस संक्रमण रोकने में काफी असरदार साबित हुआ है।
 
जर्नल 'सेल' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के कई टीकों पर परीक्षण चल रहा है। दूसरे टीकों के बरखिलाफ इस टीके को संक्रमण की शुरुआती जगह नाक में डाला जाता है और प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करने में मदद मिलती है।
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक नाक के जरिए टीके की खुराक प्रदान करने से समूचे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने में मदद मिलती है लेकिन यह नाक और श्वसन तंत्र में खासा असरदार साबित हुआ है और रास्ता रोककर संक्रमण को समूचे शरीर में फैलने से रोकता है। इस अध्ययन टीम में अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ता भी थे।
 
कुछ और जानवरों तथा इंसानों पर इस टीका का परीक्षण करने की योजना है कि क्या यह कोविड-19 संक्रमण को रोकने में कारगर और सुरक्षित है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ता माइकल एस. डायमंड ने कहा कि नाक के ऊपरी हिस्से के सेल में मजबूत रोग प्रतिरोधक तंत्र देखकर हमें काफी खुशी हुई। वायरस के संक्रमण को इसने रोकने का काम किया।
डायमंड ने कहा कि चूहे में संक्रमण को रोकने में यह कारगर रहा। कुछ चूहे में हमें मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रमाण भी मिले और संक्रमण के निशान भी नहीं मिले। नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके को विकसित करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल किया।
 
वैज्ञानिकों ने कहा है कि नाक के जरिए टीके की खुराक देने से नाक और श्वसन तंत्र में संक्रमण के मार्ग को अवरुद्ध किया जा सकता है और समूचे शरीर में इसे फैलने से रोका जा सकता है। हालांकि अध्ययनकर्ताओं ने आगाह किया कि अभी सिर्फ चूहे पर टीके के परीक्षण का अध्ययन किया गया है। आगामी दिनों में इसके परीक्षण का व्यापक अध्ययन हो सकेगा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दो साल में खत्‍म हुआ था ‘स्‍पेनिश फ्लू’, WHO ने बताया कब मिलेगी ‘कोरोना’ से निजात?