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मोदी सरकार ने कोरोना की परिस्थिति में कुप्रबंधन किया, टीके की कमी होने दी : सोनिया गांधी

हमें फॉलो करें मोदी सरकार ने कोरोना की परिस्थिति में कुप्रबंधन किया, टीके की कमी होने दी : सोनिया गांधी
, शनिवार, 10 अप्रैल 2021 (17:31 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी में कुप्रबंधन करने एवं टीके का निर्यात कर देश में इसकी कमी होने देने का आरोप लगाया और यह कहा कि चुनावी सभाओं समेत सभी तरह के भीड़भाड़ वाले आयोजनों को रद्द किया जाना चाहिए।

उन्होंने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस के गठबंधन वाली प्रदेश सरकारों में शामिल पार्टी के मंत्रियों की बैठक में यह भी कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने तथा साथ ही कमजोर तबकों की मदद करने की जरूरत है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य प्रदेशों के मंत्री शामिल थे।

सोनिया ने कहा, कोरोनावायरस संक्रमण बढ़ रहा है और ऐसे में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम मुद्दों को उठाएं और सरकार पर दबाव बनाएं कि वह जनसंपर्क की तरकीबें अपनाने की बजाय जनहित में काम करे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, पारदर्शिता होनी चाहिए। सरकार को कांग्रेस शासित समेत सभी राज्यों में संक्रमण और मौत के वास्तविक आंकड़े पेश करने चाहिए। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, हमें सबसे पहले भारत में टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इसके बाद टीके का निर्यात करना और दूसरे देशों को तोहफे में देना चाहिए।

हमें इस बात पर जोर देना होगा कि जिम्मेदाराना व्यवहार हो और बिना किसी अपवाद के कोविड संबंधी दिशा-निर्देंशों एवं सभी कानूनों का पालन किया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, संघवाद का सम्मान करते हुए राज्यों के साथ सहयोग करना और विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार के प्रयासों में सहयोग करना इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में समान रूप से महत्वपूर्ण है। इस लड़ाई में सब एकजुट हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, मोदी सरकार ने इस परिस्थिति में कुप्रबंधन किया। टीके का निर्यात कर दिया और देश में टीके की कमी होने दी। सोनिया ने कहा, चुनावों के लिए बड़े पैमाने पर लोगों के जमा होने और धार्मिक आयोजनों से कोविड के मामलों में तेजी आई है। इसके लिए हम सभी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं। हमें यह जिम्मेदारी स्वीकार करने और राष्ट्र के हित को खुद से ऊपर रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है तथा इन कदमों से प्रभावित होने वाले कमजोर तबकों की मदद भी होनी चाहिए। कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के हालात को देखते हुए चुनावी सभाओं और भीड़भाड़ वाले दूसरे कार्यक्रमों को रद्द करने की जरूरत है।

बैठक में राहुल गांधी ने कोरोनावायरस की नई लहर को लेकर चिंता जताई और कहा कि सरकार को समय से पहले विजय घोषित करने की बजाय कोरोना वायरस के खिलाफ सबके साथ मिलकर और पूरी ऊर्जा के साथ प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना के संक्रमण ने गरीबों और कमजोर तबकों के लोगों के जीवन को मुश्किल में डाल दिया है तथा ऐसे में इन्हें सीधे आर्थिक सहयोग दिया जाना चाहिए। गहलोत ने कहा कि कोरोना के टीके की कमी वास्तविकता है, जिससे मुंह नहीं फेरा जा सकता तथा केंद्र सरकार को सभी राज्यों एवं संबंधित पक्षों को साथ लेकर काम करने की जरूरत है। अमरिंदर सिंह ने भी पंजाब में कोरोना के टीके की कमी होने का उल्लेख किया और कहा कि राज्य के पास सिर्फ तीन दिनों के लिए टीके बचे हैं, लेकिन केंद्र से कोई आश्वासन नहीं मिला।

बघेल ने भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ तीन दिन के लिए टीके बचे हैं और केंद्र को आपूर्ति बढ़ानी होगी। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि अगर केंद्र सरकार टीका उपलब्ध कराए तो उनके प्रदेश में रोजाना पांच लाख लोगों को टीका लगाया जा सकता है।(भाषा)

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