नई दिल्ली। रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation) ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 की चुनौती के बीच अपने भोजन वितरण कार्यक्रम 'मिशन अन्न सेवा' में देशभर में हाशिए पर रह रहे 3 करोड़ से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है।
यह विश्व में किसी कॉर्पोरेट फाउंडेशन का अब तक का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम बन गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) से जुड़ी और समाज कल्याण के लिए काम करने वाली रिलायंस फाउंडेशन ने अब तक 16 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के 68 जिलों में दो करोड़ से अधिक लोगों को भोजन मुहैया भी करा चुकी है।
रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी ने कहा, कोविड-19 दुनिया,देश और मानवता के लिए एक भयानक महामारी है, जो रोज कमाते हैं, रोज खाते हैं, ऐसे दैनिक मजदूरों के लिए दिल दुख से भर जाता है। वे भी हमारे परिवार के सदस्य हैं- हमारे अपने देश परिवार के। इसीलिए, रिलायंस फाउंडेशन ने मिशन अन्न सेवा शुरू की है- जरूरतमंद भारतीयों को भोजन कराना हमारा संकल्प है। हमारी संस्कृति में, अन्न दान को महादान कहा गया है।
उपनिषद हमें सिखाते हैं कि ‘भोजन ही ब्रह्म है।’ मिशन अन्न सेवा के माध्यम से, हम पूरे देश में हाशिए पर रह रहे लोगों और कोरोना के अग्रणी मोर्चे पर तीन करोड़ से अधिक भोजन का इंतजाम किया है। यह दुनिया में कहीं भी एक कॉर्पोरेट फाउंडेशन का अब तक का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम के तहत फाउंडेशन परिवारों को पका भोजन, पकाकर खाने वाले पैकेट और सूखा राशन-किट और सामुदायिक रसोई के लिए बड़ी मात्रा में राशन उपलब्ध करा रहा है। कार्यक्रम के लाभार्थियों में दैनिक वेतन भोगी, झुग्गी-झोपड़ी वासी, शहरी सेवा प्रदाता, कारखाने के कर्मचारी और वृद्धाश्रम और अनाथालयों में रहने वाले शामिल हैं।
जूनियर मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों जैसे अग्रिम पंक्ति के सेवा में जुटे कोरोना योद्धाओं को भी इस कार्यक्रम के तहत भोजन मुहैया कराया जा रहा है। कुछ स्थानों पर रिलायंस फ़ाउंडेशन फूड-टोकन भी बांट रहा है, जिसे रिलायंस रिटेल आउटलेट्स जैसे रिलायंस फ्रेश, रिलायंस स्मार्ट सुपर स्टोर, रिलायंस स्मार्ट पॉइंट और सहकारी भंडार में भुनाया जा सकता है।
रिलायंस फाउंडेशन और रिलायंस परिवार के पूरे कर्मचारी एकजुट होकर मिशन पर काम में दिन-रात जुटे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन अवधि के दौरान कोई भी भारतीय भूखा न रहे। आवश्यक सामानों की पैकिंग और आपूर्ति का काम रिलायंस रिटेल कर्मचारी के कंधों पर है।
मुंबई, सिलवासा, वडोदरा, पातालगंगा, हजीरा, झज्जर, शहडोल, जामनगर, दाहेज, बाराबंकी, नागोठाने, गडीमोगा और होशियारपुर जैसे रिलायंस कार्यस्थलों के कर्मचारी अपने-अपने स्थानों पर गरीब समुदायों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा के कुछ रिलायंस पेट्रोल पंपों पर स्टाफ के सदस्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले ट्रक ड्राइवरों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं।
रिलायंस फाउंडेशन 70 से अधिक भागीदारों को राहत किट और थोक राशन की आपूर्ति कर रहा है, जो अपने-अपने स्थानों में इसी तरह के भोजन वितरण कार्यक्रमों में लगे हुए हैं। भोजन वितरण कार्यक्रम के अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और रिलायंस फाउंडेशन ने अपने बहुआयामी, ऑन-द-ग्राउंड प्रयास जारी रखे हुए हैं जिससे कोरोना वायरस से इस जंग में जीत देश की हो।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रिलायंस ने विभिन्न राहत कोषों में 535 करोड़ रुपए का योगदान दिया है, जिसमें पीएम केयर्स कोष में 500 करोड़ रुपए शामिल हैं।