मुंबई। मुंबई में गुरुवार को टीकों की कमी के कारण महानगरपालिका और सरकारी केंद्रों पर कोविड-19 रोधी टीकाकरण रुकने से लोग नाराज हैं और सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के प्रबंधन पर सवाल उठाने लगे हैं। कुछ स्थानीय निवासियों ने इसे सरकारी केंद्रों पर मुफ्त में टीके मुहैया ना कर कि निजी अस्पतालों की ओर रुख करने को मजबूर करने का तरीका भी बताया।
बृहन्मुंबई महानगरपालिक (बीएमसी) ने बुधवार को बताया था कि टीकाकरण 1 दिन के लिए रोका जा रहा है। टीकों की कमी के कारण टीकाकरण के बार-बार रुकने से स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ गया है। पिछले महीने भी, पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध ना होने की वजह से टीकाकरण रोका गया था।
मुंबईवासी अजमीना कोटदिया ने ट्वीट किया कि निजी अस्पतालों को कल बुधवार के सामान्य कोटे से 3 गुना टीके मिले हैं जबकि मुफ्त टीकाकरण केंद्र बंद हैं। लोगों को निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर करने का तरीका, वहीं टीका लगवाने के लिए गुरुवार का समय लेने वाले लोग इस असमंजस में हैं कि उन्हें टीके लगेंगे या नहीं?
पायल मुखर्जी ने ट्वीट किया कि 'कोवैक्सीन' की दूसरी खुराक के लिए हमें कल (गुरुवार) का समय मिला था। तो क्या यह भी रद्द हो गया है अब? बीएमसी ने बुधवार को ट्वीट किया था कि प्रिय मुंबईवासियों, कृपया ध्यान दें कि सभी बीएमसी और सरकारी टीकाकरण केंद्र कल 1 जुलाई, 2021 को बंद रहेंगे। असुविधा के लिए हमें खेद है। टीकाकरण केंद्रों और कार्यक्रम के बारे में अद्यतन जानकारी यहीं दी जाएगी।
महानगरपालिका ने एक बयान में कहा था कि टीकों की नई खेप मिलने के बाद टीकाकरण अभियान फिर से शुरू हो जाएगा। प्राप्त टीकों के आधार पर मुंबई के नागरिकों को टीकाकरण के बारे में लगातार सूचित किया जाता है और उचित निर्णय लिया जाता है। बीएमसी के अनुसार शहर में 54,35,731 नागरिकों को टीका लगाया गया है जिनमें से 10,72,578 लोगों को टीके की दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। मुंबई में अभी कोविड-19 टीकाकरण के 399 केंद्र हैं जिनमें से 281 बीएमसी तथा 20 सरकार द्वारा चलाए जाते हैं और 98 निजी केंद्र हैं।(भाषा)