नई दिल्ली/लंदन। दुनियाभर में कोरोनावायरस (COVID-19) के संक्रमण के कारण मचे कोहराम के बीच एक अच्छी खबर यह है कि ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन बुजुर्गों और वयस्कों दोनों पर अच्छा असर दिखा रही है।
विदेशी मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन देने के बाद बुजुर्गों में एंटीबॉडीज और टी सेल बने, जो कोरोनावायरस को मात देने में व्यक्ति को सक्षम बनाते हैं।
कोरोना वैक्सीन के परीक्षण में शामिल बुजुर्ग वॉलेंटियर्स की गत जुलाई में जारी ब्लड रिपोर्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि वैक्सीन देने के बाद उनमें अच्छी खासी मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। इसके अलावा 18 से 55 साल की आयुवर्ग के वॉलेंटियर्स में भी इसका अच्छा प्रभाव दिखा।
एस्ट्राजेनेका ने आज कहा कि यह उत्साहवर्द्धक है कि बुजुर्गों और वयस्कों दोनों में कोरोनावायरस के खिलाफ अच्छी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई और बुजुर्गों पर इस वैक्सीन का दुष्प्रभाव कम देखा गया। यह आंकड़ा हमारी कंपनी के कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावोत्पादकता को दर्शाता है। यह रिपोर्ट जल्द ही मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित होगी। (वार्ता)