शंघाई, चीन में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण की नई लहर से लोग दहशत में हैं। लिहाजा आज से शंघाई सहित देश के कई बड़े शहरों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। कहा जा रहा है कि इस नई लहर से चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है।
शंघाई के पुडोंग और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार से शुक्रवार तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। साथ ही शहर में बड़े पैमाने पर कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं।
यहां के लोगों को घर पर रहने को कहा गया है। घरों में सामान की डिलीवरी के लिए चेकपॉइंट बनाए गए हैं। आवश्यक नहीं माने जाने वाले ऑफिस और सभी व्यवसायों को बंद कर दिया गया है। साथ ही सार्वजनिक परिवहन को सस्पेंड कर दिया गया है।
कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से इजाफे के चलते शंघाई के थीम पार्क को पहले ही बंद कर दिया गया था।
ऐसे बढ़ रहा कोरोना का ग्राफ: चीन में इस महीने अब तक 56,000 से अधिक कोरोना के केस आए हैं। जिनमें से ज्यादातर मामले उत्तरपूर्वी प्रांत से आए हैं। शनिवार को दर्ज किए गए केवल 47 मामलों के साथ शंघाई में अपेक्षाकृत कम मामले सामने आए।
चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ वू जुनयू ने कहा, चीन जीरो कोविड के लक्ष्य का पालन करने की दिशा में काम कर रहा है। जीरो कोविड नीति के तहत लॉकडाउन और करीबी संपर्क की जांच समेत बड़े पैमाने पर जांच, संदिग्ध व्यक्ति को घर पर पृथक-वास या सरकारी केंद्र में भेजना शामिल है।
चीन की टीकाकरण दर लगभग 87 प्रतिशत है, ये वृद्ध लोगों में काफी कम है। इस महीने की शुरुआत में जारी किए गए राष्ट्रीय आंकड़ों से पता चला है कि 60 और उससे अधिक उम्र के 52 मिलियन से अधिक लोगों को अभी तक किसी भी कोविड -19 वैक्सीन का टीका नहीं लगाया गया है।
बूस्टर दरें भी कम हैं, 60-69 के बीच केवल 56.4 प्रतिशत लोगों को बूस्टर डोज़ मिला है, और 70-79 के बीच 48.4 प्रतिशत लोगों ने टीके की खुराक दी गई है। (भाषा)