जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीज़ों का उपचार कर रहे अस्पतालों के रिसेप्शन पर उपचार शुल्क सूची लगाए जाने के पूर्व में दिए गए अपने आदेश के अनुपालन के संबंध में प्रदेश सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, इस पर जवाब प्रदेश सरकार से तलब किया है।
मामले में कोर्ट मित्र अधिवक्ता नमन नागरथ ने शनिवार को बताया कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायाधीश बीके श्रीवास्तव की युगल पीठ ने बुधवार को यह निर्देश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई एक अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश के शाजापुर जिले स्थित एक निजी अस्पताल के प्रबंधन ने बिल का भुगतान नहीं होने पर एक वृद्ध मरीज को बिस्तर से बांधकर रखा हुआ था। इस संबंध में अखबारों में फोटो सहित समाचार प्रकाशित हुए थे।
इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने 11 जून को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के महासचिव डॉ. अश्वनी कुमार द्वारा उक्त घटना का उल्लेख करते हुए शीर्ष न्यायालय को 8 जुलाई को एक पत्र लिखा था। जिसमें उक्त घटना को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था।
युगल पीठ ने प्रदेश सरकार को निर्देशित किया था कि कोविड-19 मरीजों के उपचार से संबंधित शुल्क सूची अस्पतालों में चस्पा की जाए। निर्धारित से अधिक राशि लेने पर पीड़ित पक्ष जिला प्रशासन तथा उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर शिकायत कर सकता है। (भाषा)