कोरोनाकाल में उपचुनाव:थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही डाल पाएंगे वोट,पोलिंग स्टेशन पर 6 फीट की दूरी पर बनेंगे गोले
मतदान-केन्द्र में एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे,फीवर होने पर आखिरी घंटे का टोकन
भोपाल। चुनाव आयोग जल्द ही मध्यप्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का एलान करने जा रहा है। कोरोनाकाल में होने वाले चुनाव को लेकर आयोग ने तैयारियां शुरु कर दी है। चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं रिटर्निंग अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम शुरु हो गया है। कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते चुनाव आयोग इस बार पोलिंग स्टेशन पर खास इंतजाम करने जा रहा है।
चुनाव आयोग की डायरेक्टर मोना श्रीनिवास के मुताबिक कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी को ध्यान में रखकर विधानसभा उपचुनाव कराया जायेगा।
1-मतदान-केन्द्रों पर कोविड-19 की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे।
2-मतदाताओं को लाइन में लगने के लिये 6 फीट की दूरी पर गोले बनाये जायेंगे।
3-प्रत्येक मतदाता का थर्मल स्क्रीनिंग कर तापमान लिया जायेगा।
4-यदि किसी मतदाता का तापमान अधिक आता है,तो उसका दोबारा तापमान लिया जायेगा। इसके बाद भी तापमान अधिक आने पर उसे मतदान के आखिरी घंटे में मतदान करने के लिये टोकन प्रदान किया जायेगा।
5-प्रत्येक मतदान-केन्द्र में एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इससे अधिक मतदाता होने पर सहायक मतदान-केन्द्रों की व्यवस्था की जायेगी।
6-मतदान-केन्द्रों पर सेनेटाइजर आदि का इंतजाम रहेगा।
प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर नजर-विधानसभा के उपचुनाव में निर्वाचन आयोग प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर सख्ती से नजर रखेगा। प्रत्याशी अपना चुनाव खर्च आयोग द्वारा निर्धारित 28 लाख रुपये की सीमा तक ही कर सकेंगे। चुनाव आयोग के डायरेक्टर विक्रम बत्रा ने कहा कि एक्सपेंडीचर मॉनीटरिंग मशीनरी द्वारा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की हर गतिविधि के खर्च पर नजर रखी जायेगी।
उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी चुनाव क्षेत्र में पकड़ी जाती है,तो आयकर विभाग कार्यवाही करेगा।प्रत्याशियों के चुनाव खर्च को कोई भी व्यक्ति संबंधित निर्वाचन कार्यालय में एक रुपये का शुल्क जमा कर देख सकता है।
चुनाव आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों के उपनिर्वाचन के लिये सभी संबंधित 18 जिलों के कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को निर्वाचन व्यय निगरानी,कोविड-19 गाइड-लाइन, आदर्श आचरण संहिता,मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनीटरिंग कमेटी तथा सोशल मीडिया द्वारा कैम्पेन आदि विषय पर ट्रैनिंग दी जा रही है।