वॉशिंगटन। कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे अमेरिका में सैकड़ों भारतवंशी इससे संक्रमित हैं और उनमें से कई की जान भी गई है। मृतकों में भारतीय समाचार एजेंसी के एक पूर्व पत्रकार भी हैं। अमेरिका में कई सामुदायिक संगठनों और प्रवासी नेताओं ने यह जानकारी दी है।
हालांकि कितने भारतवंशी वायरस से संक्रमित हैं, इसको लेकर कोई ठोस आंकड़ा मौजूद नहीं है। सोशल मीडिया समूहों पर मौजूद जानकारी के अनुसार न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी संक्रमित हैं।
इन दोनों शहरों में ही सबसे अधिक संख्या में भारतवंशी रहते हैं और यहीं कोविड-19 के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इन दोनों शहरों में सोमवार तक 1,70,000 से अधिक लोग वायरस से संक्रमित थे और 5,700 लोगों की इससे जान जा चुकी थी।
समुदाय के नेताओं ने बताया कि रोजाना हमें अपने करीबियों के इससे संक्रमित होने की खबर मिलती है। ‘अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन’ (एएपीआई) के पूर्व अध्यक्ष सहित कई लोग गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती हैं।
वहीं भारतवंशी पत्रकार ब्रह्म कुचिभोटला का सोमवार रात निधन हो गया। वह समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के लिए काम करते थे। उन्होंने न्यूयॉर्क के अस्पताल में अंतिम सांस ली। न्यूयॉर्क महानगरीय क्षेत्र, ग्रेटर वाशिंगटन क्षेत्र मैरीलैंड और वर्जीनिया में कई सामुदायिक नेता वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जहां अधिकतर लोगों ने खुद को घर में पृथक कर लिया है, वहीं कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं।
कोविड-19 के लिए हेल्पलाइन चला रहे ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने कहा कि उन्हें मदद के लिए कई फोन आ रहे हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने ह्यूस्टन के एक आईटी पेशेवर रोहन बावड़ेकर की मदद के लिए 2,04,000 अमेरिकी डॉलर भी इकट्ठे किए हैं।
उत्तरी अमेरिका में फेडरेशन ऑफ केरल एसोसिएशन ने भी कहा था कि उसके समुदाय के 4 लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है। इस बीच, भारतीय मूल के एक हृदय शल्य चिकित्सक की ब्रिटेन में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद जान चली गई।
जितेन्द्र कुमार राठौड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ़ वेल्स (यूएचडब्ल्यू) में कार्डियो-थोरैसिक सर्जरी के एसोसिएट विशेषज्ञ थे। उनका सोमवार को निधन हुआ। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। ‘जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय’ के अनुसार दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमण के 13 लाख 40 हजार पुष्ट मामले हैं और 75,000 से अधिक लोगों की इससे जान जा चुकी है।