ह्यूस्टन। कोविड-19 वैश्विक महामारी के स्रोत पर प्रकाश डालने वाले एक अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वारयस आकार बदलकर जानवरों से मनुष्यों में प्रवेश करने और उन्हें संक्रमित करने में सक्षम है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 और जानवरों में इसके इसी प्रकार के प्रारूपों का आनुवंशिक विश्लेषण किया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इस वायरस का सबसे निकट संबंधी वही कोरोना वायरस है जो चमगादड़ों को संक्रमित करता है।
अनुसंधानकर्ताओं के दल में अमेरिका के अल पासो में टेक्सास विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी शामिल हैं।
उन्होंने ‘साइंस एडवांसेस’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा कि सार्स-कोव-2 वायरस की मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता स्तनधारी प्राणी पैंगोलिन को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस से एक अहम जीन के आदान-प्रदान से जुड़ी है।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह वायरस अपने आनुवंशिक गुणों में बदलाव करके मेजबान कोशिकाओं में मौजूद रह सकता है। इसी क्षमता के कारण यह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में प्रवेश कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार है, मानो वारयस में ऐसी क्षमता है कि वह चाबी को इस प्रकार ढालने में सक्षम है जो मेजबान कोशिका के द्वार को खोल सके।
अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय के फेंग गाओ ने कहा कि सार्स या मर्स की तरह यह कोरोनावायरस भी अपने आनुवंशिक गुणों में बदलाव करने में सक्षम है जिसकी मदद से वह मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है।
गाओ और उनके साथियों के अनुसार इस अध्ययन से वायरस से भविष्य में होने वाली वैश्विक महामारियों को रोकने और उनका टीका खोजने में मदद मिल सकती है। (भाषा)