भाजपा सरकार का वही हश्र होगा जो 1977 के चुनावों में इंदिरा सरकार का हुआ था : असलम शेर खान

Webdunia
बुधवार, 3 फ़रवरी 2021 (16:40 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर सीमेंट के अवरोधक, कंटीले तार और सड़कों पर लोहे की कीलें लगाए जाने के साथ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने बुधवार को केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की।

खान ने कहा, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जिस हठधर्मी से किसानों के साथ व्यवहार कर रही है, उसे देखकर लगता है कि उसकी मति मारी गई है। दिल्ली पूरे भारत के लोगों की है और किसान देश की राजधानी में क्यों नहीं आ सकते?

उन्होंने देश में 1975 के दौरान लगाए गए आपातकाल के बाद 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस की करारी हार का हवाला देते हुए कहा, मुझे लग रहा है कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बिल्कुल इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार की राह पर आगे बढ़ रही है। मौजूदा सरकार का भी वही हश्र होगा जो 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार का हुआ था।

हॉकी के ओलम्पियन ने कहा, इंदिरा बेहद शक्तिशाली नेता थीं। उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने 1971 का आम चुनाव भारी बहुमत से जीता था। उनकी सरकार के कार्यकाल में लगाए गए आपातकाल के दौरान आम लोगों पर अत्याचार, गिरफ्तारी, लाठीचार्ज और जबरन नसबंदी का जवाब मतदाताओं ने 1977 के आम चुनावों में दिया था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से जल्द से जल्द चर्चा कर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। खान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा, अपने मूल सिद्धांतों और विचारधारा पर चलने वाली कांग्रेस कहीं पीछे छूट गई है। राहुल गांधी किसी भी मुद्दे पर पार्टी लाइन पर बात नहीं करते। वह हर मुद्दे पर अपने निजी नजरिए से बात करते हैं।

उन्होंने मध्यप्रदेश में पिछले साल कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पतन का हवाला देते हुए यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात ज्योतिरादित्य सिंधिया का पाला बदलकर भाजपा में जाना रही।

कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष हैं। खान के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उनके मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, फिलहाल खान कांग्रेस में किसी भी जिम्मेदार पद पर नहीं हैं। उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारतीय छात्रों को जस्टिन ट्रूडो ने दिया बड़ा झटका, कनाडा ने फास्ट-ट्रैक वीजा किया समाप्त

हिमाचल में तेज हुई समोसा पॉलिटिक्स, BJP MLA ने CM को भेजे 11 समोसे

यूपी CM के पहनावे को लेकर अखिलेश यादव का तंज, सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता

जमानत याचिका मामले में SC ने दिखाई सख्‍ती, कहा- एक दिन की देरी मूल अधिकारों का उल्लंघन

खरगे ने BJP पर लगाया भड़काऊ भाषणों के जरिए मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप

सभी देखें

नवीनतम

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

कांग्रेस नेता मतीन अहमद AAP में हुए शामिल

LIVE: CM विजयन पर प्रियंका गांधी वाड्रा का निशाना, कहा उन्होंने वायनाड के लिए क्या किया

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

छत्तीसगढ़ में होगा जनजातीय गौरव दिवस समारोह, मनसुख मांडविया निकालेंगे पदयात्रा, 10 हजार युवा होंगे शामिल

अगला लेख
More