नई दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 5 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीके कॉर्बेवैक्स और 6 से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। 12 साल से 14 साल की उम्र वाले बच्चों को जायकोव डी की अनुमति दे दी गई है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की कोविड-19 वैश्विक महामारी पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है।
एसईसी ने 5 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के वास्ते बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 रोधी टीके कोर्बेवैक्स और 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोवैक्सीन टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) देने की पिछले सप्ताह सिफारिश की थी।
बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स टीके की खुराक अभी 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को दी जा रही है। वहीं, 24 दिसंबर, 2021 को डीसीजीआई ने 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों के लिए कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की सूची (ईयूएल) में डाल दिया था।
देशभर में कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था, तब केवल स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जा रहे थे। इसके बाद दो फरवरी 2021 से, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों का टीकाकरण और एक मार्च 2021 से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ।
45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए एक अप्रैल 2021 को टीकाकरण शुरू हुआ और 18 साल से अधिक आयु के लोगों को एक मई 2021 से कोविड-19 रोधी टीके देने शुरू किए गए। देश में तीन जनवरी 2022 से 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
स्वास्थ्य कर्मियों तथा अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 60 साल या उससे अधिक आयु के लोगों को एहतियाती खुराक 10 जनवरी 2022 से देनी शुरू की गई। देश में 10 अप्रैल 2022 से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देनी शुरू कर दी गई थी। भारत ने 16 मार्च को 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया।