8 महीने के बच्चे ने इलाज के लिए की 400 किमी की यात्रा, Covid 19 की पुष्टि के बाद मौत

Webdunia
मंगलवार, 7 जुलाई 2020 (16:41 IST)
शिलांग। इलाज के लिए अरुणाचल प्रदेश से मेघालय तक लगभग 400 किलोमीटर का सफर करने वाले 8 महीने के एक बच्चे ने कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के कुछ ही घंटों बाद दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
ALSO READ: कोरोना से उबर चुके नोएडा के पुलिसकर्मी प्लाज्मा दान करेंगे
उन्होंने कहा कि बच्चे को कुछ बीमारियों के इलाज के लिए अरुणाचल प्रदेश के तोमो रिबा इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल सांइसेज से यहां नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ हैल्थ एंड मेडिकल साइंसेज (एनईआईजीआरआईएचएमएस) भेजा गया था। बच्चे के माता-पिता उसे सड़क मार्ग से शिलांग ले कर आए थे। वे सोमवार को तड़के अस्पताल पहुंच गए थे।
 
मेघालय के स्वास्थ्य मंत्री ए एल हेक ने कहा कि उनके अस्पताल पहुंचने पर जांच के लिए बच्चे के नमूने लिए गए। जांच रिपोर्ट में बच्चे के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। शाम को उसकी मौत हो गई।' उन्होंने कहा कि बच्चे के माता-पिता और वाहन चालक कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं पाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि मेघालय में कोविड-19 से हुई यह दूसरी मौत है। पहली मौत 15 अप्रैल को हुई थी।
 
राज्य में अब तक 89 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 44 का इलाज चल रहा है और 43 लोग ठीक हो गए हैं। दो रोगियों की मौत हो चुकी है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

चित्तौड़गढ़ के एक गांव में पाषाण युग की शैल चित्रकारी मिली

संभल में दुष्कर्म पीड़िता की हत्या, 20 दिन पहले जेल से रिहा आरोपी ने मारी गोली

प्रियंका पर रीजीजू का पलटवार, संसदीय परंपराओं की याद दिलाई

असुरक्षित भोजन से प्रतिवर्ष 4.2 लाख लोगों की मौत

अगला लेख
More