Corona से लड़ने के लिए भारत को 1.5 अरब डॉलर का कर्ज

Webdunia
मंगलवार, 28 अप्रैल 2020 (18:51 IST)
नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगलवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में वित्तीय संसाधनों में मदद के लिए भारत को 1.5 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर किया है।एडीबी के अध्यक्ष मासात्सुगु असाकावा ने कहा कि इस अप्रत्याशित मुश्किल घड़ी में संगठन भारत सरकार को उसके कार्यों में समर्थन देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। 
 
उन्होंने कहा कि यह ऋण भारत को इस महामारी में त्वरित जरूरतों में मदद के लिए है। बीमारी पर नियंत्रण पाने, उससे बचाव करने और साथ ही गरीबों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए यह ऋण मंजूर किया गया है।
 
असाकावा ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा कि त्वरित रूप से वितरित किए जाने वाला यह कोष एडीबी की तरफ से दिए जाने वाले एक बड़े पैकेज का हिस्सा है। एडीबी यह पैकेज सरकार और अन्य विकास भागीदारों के साथ नजदीकी समन्वय के साथ उपलब्ध कराएगा। 
 
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों में हम भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह भारत के लोगों को प्रभावी ढंग से समर्थन उपलब्ध कराएं, खासतौर से गरीब और वंचित तबके को मदद मिलनी चाहिए। 
 
मनीला मुख्यालय वाली इस बहुपक्षीय एजेंसी ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर उसके इस सक्रिय प्रतिक्रिया एवं व्यय समर्थन (केयर्स) कार्यक्रम के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों, किसानों, स्वास्थ्य देखभाल करने वालों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों, निम्न आय वर्ग और निर्माण क्षेत्र के मजदूरों सहित 80 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच और देखभाल में सुधार लाने, साथ ही सामाजिक सुरक्षा को बेहतर करने के वास्ते सीधे योगदान किया गया है।
 
कोका-कोला इंडिया देगा 100 करोड़ का योगदान : दूसरी ओर, शीतल पेय बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी कोका-कोला इंडिया ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में सरकार को 100 करोड़ रुपए से अधिक का शुरुआती सहयोग देने का संकल्‍प लिया है।
 
कंपनी इस राशि से स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा तंत्र और आम लोगों की मदद करेगी ताकि वे इस सकंट से मुकाबला कर सकें और इस महामारी को फैलने से रोका जा सके। इन राहत कार्यक्रमों का उद्देश्‍य देशभर में 10 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाना और उन्‍हें सकारात्‍मक रूप से प्रभावित करना है। (भाषा)

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