नई दिल्ली। देश में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है, लेकिन सरकार ने कहा है कि अभी भी कोरोना को लेकर लापरवाही भारी पड़ सकती है। सरकार ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार 50 प्रतिशत लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढंकते।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोनावायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले दो सप्ताह से महामारी के मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं। इसने कहा कि 29 अप्रैल से पांच मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है।
सरकार ने कहा कि 7 राज्यों में संक्रमण के मामलों की दर 25 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 22 राज्यों में यह 15 प्रतिशत से अधिक है। इसने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है। इसने कहा कि जून के अंत तक कोविड-19 संबंधी जांच की दैनिक संख्या बढ़कर औसतन 45 लाख तक हो जाएगी।
बच्चों के लिए जारी करे दिशा-निर्देश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग : गुरुवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से कहा कि वह कोरोनावायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका मद्देनजर बच्चों के उपचार एवं क्लीनिकल प्रबंधन को लेकर जरूरी प्रोटोकॉल या दिशा-निर्देश साझा करे। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी आग्रह किया है कि बच्चों और शिशुओं के लिए आपात परिवहन/एंबुलेंस सेवा के बारे में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
आईसीएमआर महानिदेशक बलराम भार्गव को लिखे पत्र में कानूनगो ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर का नौजवानों पर अच्छा-खासा असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों को भी प्रभावित करेगी। ऐसे में उच्चतम न्यायालय ने बच्चों के लिए टीकाकरण की जरूरतों की तैयारी पर जोर दिया है।
बाल आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आपसे आग्रह किया जाता कि आप कोरोना संक्रमित बच्चों के उपचार एवं क्लीनिकल प्रबंधन से जुड़े प्रोटोकॉल/दिशा-निर्देश आयोग के साथ साझा करें।इन प्रोटोकॉल/दिशा-निर्देशों को आगे राज्यों के बाल संरक्षण आयोगों के पास भेजा जाएगा। उन्होंने यह आग्रह भी किया कि तीसरी लहर में बच्चों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका के मद्देनजर अगर कोई अतिरिक्त प्रोटोकॉल एवं दिशा-निर्देश तय किए गए हैं, तो उनके बारे में भी आयोग को अवगत कराया जाए।
कानूनगो ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को पत्र लिखकर आग्रह किया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों और शिशुओं के लिए आपात परिवहन सेवा/एंबुलेंस सेवा के बारे में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिवों को लिखे एक अन्य पत्र में कहा कि कोरोना से संबंधित डाटा मुहैया कराने के मकसद से नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। (भाषा)