वापी। गुजरात के वापी शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक प्राइवेट अस्पताल में कोरोनावायरस (Coronavirus) से पीड़ित मरीज की मौत हो गई। उसके परिजन बिल चुका नहीं पाए तो अस्पताल प्रशासन ने डेड बॉडी देने से इंकार कर दिया।
इस पर परिजन ने कहा कि वे जल्द बिल की राशि जमा कर देंगे तो जवाब मिला कि अपनी कार हमारे यहां छोड़ जाएं। जब आप अस्पताल का बिल जमा कर देंगे, तब कार ले जाना।
इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उनकी कार जब्त कर ली। वापी के सरीग्राम में रहने वाले एक व्यक्ति को सेंचुरी अस्पताल में सप्ताहभर पहले भर्ती किया गया था। मरीज की मंगलवार 13 अप्रैल को मृत्यु हो गई।
कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार देखा जाए तो किसी कोविड मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर डेड बॉडी को मुक्ति धाम तक पहुंचाने का जिम्मा अस्पताल का होता है। लेकिन, यहां स्थिति कुछ अलग ही थी।
जब यह मुद्दा मीडिया तक पहुंचा तो अस्पताल की किरकिरी होने लगी। इसके बाद अस्पताल के एमडी नाडकर ने कहा कि कार गिरवी रखने की बात का उन्हें पता नहीं था। इसके बाद उन्होंने स्टाफ को तत्काल कार लौटाने का आदेश दिया और डेड बॉडी मुक्ति धाम तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की।