क्रिसमस स्पेशल : वह स्थान जहां जन्म हुआ था यीशु मसीह का, जानिए कैसा है अब

Webdunia
गुरुवार, 23 दिसंबर 2021 (17:25 IST)
Bethlehem birthplace of isa masih
ईसा मसीह का परिवार नाजरथ गांव में रहता था। उनके माता-पिता नाजरथ से जब बेथलहेम पहुंचे तो वहां एक जगह पर उनका जन्म हुआ। हते हैं जब यीशु का जन्म हुआ तब मरियम कुंआरी थीं। मरियम योसेफ नामक बढ़ई की धर्म पत्नी थीं। जिस वक्त ईसा मसीह का जन्म हुआ उस वक्त परियों ने वहां आकर उन्हें मसीहा कहा और ग्वालों का एक दल उनकी प्रार्थना करने पहुंचा। ऐसी मान्यता है कि यीशु के जन्म के अवसर पर स्वर्गदूतों ने 'सर्वोच्च गगन में परमेश्वर को महिमा और पृथ्वी पर उसके कृपापात्रों को शांति' यह संदेश कुछ चरवाहों को दिया था।
 
 
25 दिसंबर सन् 6 ईसा पूर्व को एक यहूदी बढ़ई की पत्नी मरियम (मेरी) के गर्भ से यीशु का जन्म बेथलहम में हुआ। यह भूमि दुनिया भर के ईसाईयों की आस्था का केंद्र है। इसराइल में यह स्थल यरुशलम से 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक फिलिस्तीनी शहर है।
 
 
चर्च ऑफ नेटिविटी, बेथलेहम (फिलिस्तीन, इसराइल) : ईसा मसीह का जन्म 6 ई.पू. नाजारेथ के एक यहूदी बढ़ई के यहां हुआ। जहां उनका जन्म हुआ वहां आज एक चर्च है जिसे आज चर्च ऑफ नेटिविटी कहा जाता है। यह स्थान इसराइल की राजधानी यरुशलम से लगभग 10 किलोमीटर दूर दक्षिण में फिलिस्तीन इलाके में है। हालांकि यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं जहां पर इसकी अच्छे से देखरेख करने वाले कम ही लोग हैं। यह शहर के मध्य मैंगर चौक के एक भाग में होली क्रिप्ट नामक एक खोह के ऊपर स्थित है।
पानी के रिसाव के कारण वहां जाने वाला तीर्थमार्ग क्षतिग्रस्त है। यहां पर सबसे पहले 339 ईस्वी में एक चर्च पूरा किया गया था और छठी शताब्दी में आग लगने के बाद जिस इमारत ने उसकी जगह ली है, उसमें मूल इमारत के फर्श पर विस्तृत पच्चीकारी को बरकरार रखा गया है। इसमें लातिन, ग्रीक आथरेडॉक्स, फ्रांसिस्कन और आर्मीनियन कॉन्वेंट और गिरजाघरों के साथ-साथ घंटाघर और बगीचे भी शामिल हैं। 
 
द चर्च ऑफ द नैटिविटी को बेसिलिका ऑफ द नैटिविटी भी कहा जाता है। वेस्ट बैंक में बेथलहम में स्थित एक बेसिलिका है। बेसिलिका पवित्र भूमि का सबसे पुराना प्रमुख चर्च है। चर्च को मूल रूप से कॉन्स्टेंटाइन द ग्रेट द्वारा 325-326 ईस्वी में अपनी मां हेलेना की यरूशलेम और बेथलहम की यात्रा के कुछ समय बाद, उस साइट को चिन्हित किया गया था जिसे परंपरागत रूप से यीशु का जन्मस्थान माना जाता था। यहां पर मूल बेसिलिका 333 ईस्वी में बनाई गई थी। 2012 के बाद से चर्च ऑफ द नेटिविटी एक विश्व धरोहर स्थल है।

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