भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-प्रथम को आज उच्चतर कक्षा में पहुँचा दिया गया और इसके सभी उपकरण सही ढंग से काम कर रहे हैं।
उपग्रह को उच्चतम कक्षा में पहुँचाने के काम को सुबह नौ बजे उस समय किया गया, जब इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) स्थित स्पेसक्रॉफ्ट कंट्रोल सेंटर (एससीसी) द्वारा उपग्रह के 440 न्यूटन लिक्विड इंजन में करीब 18 मिनट तक फायर किया गया।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा इंजन में इस फायर के साथ चंद्रयान-प्रथम की कक्षा को बढ़ाकर अपोजी (धरती के सबसे दूरस्थ बिन्दु) 37900 किलोमीटर किया गया, जबकि उसका पेरिर्जी (धरती के सबसे नजदीकी बिन्दु) 305 किलोमीटर किया गया।
इस कक्षा में चंद्रयान-प्रथम को पृथ्वी का चक्कर लगाने के लिए 11 घंटे का वक्त लगेगा। चाँद पर भारत के इस पहले अभियान चंद्रयान-प्रथम को बुधवार को पीएसएलवी सी-11 से श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था।
इस प्रक्षेपण यान के जरिये चंद्रयान को 255 किलोमीटर के पेरिर्जी और 23 हजार किलोमीटर के अपोर्जी की अंडाकार कक्षा में प्रवेश कराया गया था। इस शुरुआती कक्षा में चंद्रयान को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में साढ़े छह घंटे का समय लगता। यान के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद एससीसी ने पहला सिग्नल प्राप्त किया और शुरुआती कार्य को अंजाम दिया।
इसरो ने कहा चंद्रयान की सभी प्रणालियाँ सामान्य रूप से काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में चंद्रयान को उच्चतर कक्षा में पहुँचाने के काम को अंजाम दिया जाएगा।