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विपक्ष ने नकारा, सत्ता पक्ष ने स्वीकारा

हमें फॉलो करें विपक्ष ने नकारा, सत्ता पक्ष ने स्वीकारा
नई दिल्ली , सोमवार, 28 फ़रवरी 2011 (16:31 IST)
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महँगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निबटने के लिए आम बजट में कोई ठोस नीति नहीं होने का आरोप लगाते हुए भाजपा, वामदल सहित विपक्ष ने उसे दिशाहीन और हताश करने वाला दस्तावेज करार दिया जबकि सत्ता पक्ष ने दावा किया कि इसमें सभी वर्गो का ध्यान रखा गया है और यह सुधार केन्द्रित है।

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने बजट को देश की सभी आर्थिक चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम करार देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने सराहनीय काम किया है।

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अपनी फौरी टिप्पणी में कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट में लोगों को आँकड़ों के जाल में उलझाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि बजट ने आम आदमी, महिलाओं को निराश और युवाओं को हताश किया है। बजट में बेरोजगारी, महँगाई के बारे में कोई उल्लेख नहीं है और ऐसा लगता है कि सरकार इसे कोई समस्या ही नहीं मानती है।

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भाकपा के गुरुदास गुप्ता ने कहा कि यह बजट पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया बजट है। उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ अमीरों को राहत दी गई है और आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं किया गया।

सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली सपा और राजद ने हालाँकि इसे कुल मिलाकर संतुलित बताया है। कांग्रेस ने इसे अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करने वाला भविष्योन्मुखी बजट बताया।

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बजट का मुख्य जोर सुधारों पर था और इसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि बजट में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है जिसमें कर प्रबंधन, राजकोषिय सुदृढीकरण और व्यय प्रबंधन शामिल हैं।

महँगाई की समस्या से किस प्रकार से निपटा जाए इसके लिए आपूर्ति से जुड़ी बाधाओं के लिए विशेष कार्यक्रम बनाए गए हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आम आदमी की जरूरत और भारत की महाशक्ति बनने की आकांक्षा को केंद्र में रखकर बजट तैयार किया है। इसमें अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करने का पूरा प्रयास किया गया है।

जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बजट को ‘हनुमान चालीसा’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इसमें किसानों, सिंचाई, बेराजगारी, महँगाई, भ्रष्टाचार से निपटने के बारे में कुछ भी ठोस नहीं कहा गया है। इसमें कालाधन के बारे में सरकार की नीति कोई चर्चा नहीं की गई है। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार देते हुए कहा कि पूरे बजट भाषण में पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए एक शब्द नहीं कहा गया है। युवाओं एवं बेरोजगारों के लिए कोई योजना नहीं पेश की गई है और किसानों की उपेक्षा की गई है।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आम बजट को कुल मिलाकर अच्छा करार देते हुए कहा कि नकद आधारित सब्सिडी योजना एक क्रांतिकारी कदम है जिससे आम आदमी को काफी फायदा होगा। कृषि क्षेत्र को अधिक आवंटन, ग्रामीण विकास एवं आंगनवाड़ी महिलाओं का मनदेय बढ़ाया जाना महत्वपूर्ण है। (भाषा)

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